फोटो गैलरी

Hindi Newsएयरटेल को झटका, 3जी रोमिंग सेवा पर लगी रोक

एयरटेल को झटका, 3जी रोमिंग सेवा पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल पर उन सात सर्किलों में नये ग्राहकों को 3जी रोमिंग सेवाएं देने से रोक लगा दी है, जहां उसके पास इसके लिए लाइसेंस नहीं है।     उच्चतम न्यायालय ने यह भी...

एयरटेल को झटका, 3जी रोमिंग सेवा पर लगी रोक
एजेंसीThu, 11 Apr 2013 03:09 PM
ऐप पर पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल पर उन सात सर्किलों में नये ग्राहकों को 3जी रोमिंग सेवाएं देने से रोक लगा दी है, जहां उसके पास इसके लिए लाइसेंस नहीं है। 
  
उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि कथित तौर पर अवैध रुप से 3जी सेवाएं देने के मामले में एयरटेल पर लगाये गये जुर्माने के मामले में जोर-जबर्दस्ती नहीं की जाए।
  
एयरटेल के पास जिन सात सर्किलों में 3जी सेवा प्रदान करने का लाइसेंस नहीं है, उनमें कोलकाता, मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश (पूर्व) और केरल शामिल हैं।
  
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर और न्यायाधीश विक्रमजीत सेन की पीठ ने केंद्र और रिलायंस कम्यूनिकेशंस लिमिटेड को नोटिस जारी कर भारती एयरटेल द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर उनसे दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दूरसंचार विभाग द्वारा एयरटेल के 3जी रोमिंग समझौते को गैरकानूनी करार देने के फैसले को सही ठहराया था।
  
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रतिवादी दो सप्ताह के भीतर जवाब देंगे और न्यायालय ने मामले की सुनवाई 9 मई को होनी तय कर दी।

दूरसंचार विभाग ने 15 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर भारती एयरटेल को उन सात सर्किलों में 3जी अंतर-सर्किल रोमिंग सेवायें देने से रोक दिया था, जहां उसके पास स्पेक्ट्रम नहीं हैं। विभाग ने कथित तौर पर लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन करने पर कंपनी पर 350 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था।
   
इसके बाद, उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 18 मार्च को अधिसूचना के अमल पर रोक लगा दी। हालांकि, रिलायंस द्वारा दायर याचिका में उच्च न्यायालय की एक खंड पीठ ने चार अप्रैल को एकल पीठ के फैसले को दरकिनार कर दिया।
   
भारती एयरटेल ने इसकये बाद उच्च न्यायालय की खंड पीठ के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। उच्चतम न्यायालय ने आठ अप्रैल को सरकार से भारती एयरटेल के खिलाफ कोई कारवाई नहीं करने को कहा। न्यायालय ने संबद्ध पक्षों से कहा कि 11 अप्रैल को सुनवाई होने तक इस मामले में यथास्थिति बनाये रखें।
   
एयरटेल ने अपनी याचिका में दलील दी कि उच्च न्यायालय की खंड पीठ का रिलायंस की याचिका पर सुनवाई करना गलत है, क्योंकि वह एकल पीठ के समक्ष मामले में पार्टी नहीं थी।
   
हालांकि, रिलायंस की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि एयरटेल पिछले दो साल से जो कर रही है वह पूरी तरह से गैरकानूनी है, क्योंकि उसके पास सात सर्कल में 3जी लाइसेंस नहीं है, जिसमें कोलकाता भी शामिल है, जहां वह 3जी मोबाइल कनेक्शन के लिए सिम कार्ड भी बेच रही है।
  
रिलायंस ने इससे पहले उच्च न्यायालय के समक्ष पेश याचिका में भारतीय एयरटेल और अन्य सेवा प्रदाताओं के बीच 3जी अंतर-सर्किल रोमिंग के लिये किये गये समझौते को अवैध ठहराने और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन करार दिये जाने का आग्रह किया था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें