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राजकाज में भरोसे की कमी से लोकतंत्र को खतरा: मोदी

केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस समय देश में सरकार के प्रति भरोसा कम कम हुआ है जो लोकतंत्र के लिये गंभीर...

राजकाज में भरोसे की कमी से लोकतंत्र को खतरा: मोदी
एजेंसीTue, 09 Apr 2013 01:32 AM
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केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस समय देश में सरकार के प्रति भरोसा कम कम हुआ है जो लोकतंत्र के लिये गंभीर खतरा है।

मोदी को प्रधानमंत्री पर के लिए भारतीय जनता पार्टी के संभावित के उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने यहां टीवी18 नेटवर्क चैनल के एक कार्यक्रम में आर्थिक सुधारों पर चर्चा की, निजीकरण की नीति का समर्थन किया और खुदरा क्षेत्र को छोड़कर विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का समर्थन किया।

उन्होंने कहा राज्य व्यवस्था अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है, यह गंभीर खतरा है। जब राजकाज पर विश्वास कम होता है तब बड़ा खतरा है। लोग न्याय के लिये दूसरे रास्ते तलाशने लगते हैं और इससे सामाजिक विकृति पैदा होती है।

मोदी ने गुजरात के अपने प्रशासन और विकास कार्यों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य के बीच मतभेद की वजह से देश की प्रगति को नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस फासले को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मोदी ने कहा बेहतर राजकाज का मतलब है लोगों के विश्वास को जीतना। लोगों को यह बताना कि आप क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं। यदि संभव हो तो लोगों को अपने साथ शामिल किया जाये, इस तरह की साफगोई और पारदर्शिता का अभाव है।

   टीवी18 नेटवर्क के थिंक इंडिया डायलॉग में मोदी ने गुजरात के कई क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को रोकने के लिये केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया। गुजरात सरकार के पाइप के जरिये प्राकृतिक गैस की आपूर्ति से लेकर एशियाई शेरों के संरक्षण के लिये कोष आवंटन जैसे कई प्रयास केन्द्र की वजह से आगे नहीं बढ़ पाये हैं।

उन्होंने एक नये नमूने पी4 मॉडल का जिक्र किया जिसमें निजी क्षेत्र के साथ सरकार के विभिन्न प्रयासों में लोगों को शामिल करने की योजना है। हमें सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल से एक कदम आगे पी4 मॉडल यानी पीपुल़ पब्लिक़ प्राइवेट पार्टनरशिप की तरफ जाने की आवश्यकता है। हमें लोगों को बताना होगा कि हम क्या कर रहे हैं, उन्हें शामिल कीजिये और फिर देखिये हम किस प्रकार बेहतर कर सकते हैं।

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