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बजट पर चर्चा के समय और कदमों की घोषणा: चिदंबरम

वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को संकेत दिया कि अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों के चलते उनके हाथ बंद हुए थे, हालांकि संसद में बजट पारित होने के दौरान और कदमों व फैसलों की घोषणा की जाएगी। आम बजट...

बजट पर चर्चा के समय और कदमों की घोषणा: चिदंबरम
एजेंसीFri, 01 Mar 2013 01:34 AM
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वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को संकेत दिया कि अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियों के चलते उनके हाथ बंद हुए थे, हालांकि संसद में बजट पारित होने के दौरान और कदमों व फैसलों की घोषणा की जाएगी।

आम बजट पेश करने के बाद औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बजट कोई एकबारगी की बात या अकेला कदम नहीं है यह तो सतत प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां हैं और ये चुनौतियां कई तरह की हैं।

आर्थिक समीक्षा में इन चुनौतियों का ज्रिक है। संसद में बजट चर्चा तथा वित्त विधेयक पर जवाब में और फैसलों व कदमों की घोषणा की जाएगी। धनाढ्यों या सुपर-रिच लोगों पर 10 प्रतिशत अधिभार को उचित ठहराते हुए चिदंबरम ने कहा कि यह कदम तो एक साल के लिए ही उठाया गया है, क्योंकि राजस्व पर दबाव है और हमें राजकोषीय घाटे को 2013-14 में घटाकर 4.8 प्रतिशत पर लाना है।

उन्होंने कहा कि एक बार कर राजस्व बढ़ने पर एक साल बाद हमें अधिभार की जरूरत नहीं होगी। यह तो पुल की तरह है। चिदंबरम ने मीडिया द्वारा सुपर रिच की परिभाषा को केवल एक करोड़ रुपये से अधिक आय वालों से जोड़ने पर आपत्ति जताई और कहा कि मैंने सुपर रिच शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा कि अधिभार से कर चोरी को बढ़ावा नहीं मिलेगा।

वित्तमंत्री ने कहा कि बजट में प्रत्यक्ष करों से 13,300 करोड़ रुपये के लाभ का जो अनुमान लगाया गया है, उसका बड़ा हिस्सा घनाढ्य आयकर दाताओं यानी एक करोड़ रुपए या उससे अधिक की सालाना आय वालों पर 10 प्रतिशत अधिभार से आएगा। देश में इस वर्ग के लोगों की संख्या 42,800 है।

आयकर दाताओं को छूट योजना की पेशकश नहीं किये जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि निम्न दरों को देखते हुए इसका मामला ही नहीं था। इसके अलावा किसी भी तरह की कर चोरी रोकने के लिए आधुनिकी कंप्यूटरीकत प्रणाली है। सेवाकर दाताओं को इस तरह की योजना की पेशकश की गई थी।

उन्होंने कहा कि बजट ने लोगों पर कोई बोक्ष नहीं डाला है और न ही बाजार तथा निवेशकों के किसी वर्ग को डराया है। चिदंबरम ने कहा है कि बजट का मुख्य जोर राजकोषीय समक्षदारी वाला मार्ग अपनाना तथा राजकोषीय घाटे को इस साल 5.2 प्रतिशत तथा अगले साल 4.8 प्रतिशत पर नियंत्रित रखना है।

संप्रग के घटक दलों जैसे कि सपा द्वारा बजट की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बजट तथा वित्त विधेयक संसद में पारित हो जाएगा।

वित्तमंत्री ने कहा कि वह बजट को जन विरोधी तथा किसान विरोधी बताने संबंधी सारी आलोचनाओं का जवाब संसद में देंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार के बजट पारित हुए हैं।

चिदंबरम ने कहा कि सरकार आगामी वित्त वर्ष में विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपये तथा बाल्को व एचजेडएल जैसी गैर-सरकारी कंपनियों में सरकार की बाकी हिस्सेदारी ब्रिकी से 14,000 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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