फोटो गैलरी

Hindi News बाढ़ से निजात को नेपाल से बात हो : आडवाणी

बाढ़ से निजात को नेपाल से बात हो : आडवाणी

भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि कोसी की बाढ़ के मुद्दे पर बुधवार को वह राजग के अपने साथियों के साथ प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मिलेंगे और हालात की पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने...

 बाढ़ से निजात को नेपाल से बात हो : आडवाणी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि कोसी की बाढ़ के मुद्दे पर बुधवार को वह राजग के अपने साथियों के साथ प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह से मिलेंगे और हालात की पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की बाढ़ की समस्या के अल्पकालिक और दीर्घकालिक हल के लिए भारत और नेपाल सरकार के बीच बात होनी चाहिए। सोमवार को उनसे मिलने आए नेपाल के नए विदेश मंत्री उपेन्द्र यादव ने भी इस पर सहमति जताई है।ड्ढr ड्ढr इस विषय को वह प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में उठाएंगे। केन्द्र सरकार का यह दायित्व है कि वह आउटडेटेड हो चुके इंडो-नेपाल करार पर फिर से मंथन कर और नेपाल की नई सरकार से बातकर इस संकट के तात्कालिक और वैकल्पिक उपायों को तलाशे। मंगलवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में नाकाफी राहत के बार में पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने आपदा से घिर लोगों को निकालने में मजबूत इरादे का परिचय दिया है। सबसे खास बात यह है कि इस मामले में नेपाल से जुड़े अंतरराष्ट्रीय आयाम को भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने गुजरात, उड़ीसा और कर्नाटक की अपनी सरकारों से भी विशेष मदद मुहैया कराने को कहा है। हेलिकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे के दौरान वह नेपाल की सीमा तक गए और भीमनगर बांध के पास के उस इलाके को भी देखा जहां कोसी का तटबंध टूटा है।ड्ढr उन्होंने कहा कि 1ी भीषण बाढ़ के बाद 1में यह तटबंध बना था और तब इसकी आयु 25 साल आंकी गई थी। लगभग दोगुना अधिक समय बीतने पर भी नेपाल के साथ हुए इस करार पर पुनर्विचार नहीं किया गया। ड्ढr राजनीति से पर हो चले राहत कार्य : शरदड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहे हर व्यक्ित को सुरक्षित निकालना और उनके पुनर्वास की गारंटी उनकी पहली प्राथमिकता है। इसके साथ ही टूटे तटबंध की मरम्मत आवश्यक है, ताकि इसकी विभीषिका फैले नहीं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी लोगों को शीघ्र ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।ड्ढr बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लौटे श्री यादव ने कहा कि इस समय राजनीति किए बिना युद्धस्तर पर एकजुट होकर राहत कार्य चलाना चाहिए। इसके पूर्व सोमवार को श्री यादव प्रधानमंत्री से दूसरी बार मिले और उनसे बिहार को और मदद देने और सेना की अतिरिक्त टुकड़ियां नियुक्त करने की गुहार लगाई। प्रधानमंत्री ने तत्काल कैबिनेट सचिव से कार्रवाई को कहा। उन्होंने इस मुद्दे पर राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लिया और कहा कि पूर बिहार को बर्बाद कर अब नया राग आलाप रहे हैं। रलवे को भी राजनीति का हिस्सा बना दिया गया जबकि इसकी भूमिका आपदा की घड़ी में पहले से स्पष्ट है। राजस्थान समेत कई राज्यों में कई बार आपदा की घड़ी में पानी और भूसा तक रलवे ने ढोया, इसके लिए ढिढ़ोरा पीटने की जरूरत नहीं है।ड्ढr ड्ढr यही नहीं आपदा में रलवे की यात्रा नि:शुल्क होती है। अभी तो हर काम ऐसे पेश किया जा रहा है मानो अहसान हो रहा हो और पहली बार किया जा रहा है।श्री यादव ने कहा कि तटबंध दशकों से उपेक्षा का शिकार रहा है और उसपर कभी ध्यान नहीं दिया गया। बराज का निर्माण किया गया लेकिन उसकी आयु महज 25 वर्षो की थी। पूरी आबादी को यूं ही छोड़ दिया गया। नदी में सिल्ट जमा हो गया और उसे निकालने की योजना नहीं बनी। तटबंध पर तो वर्षो से भारी दबाव था। तटबंध टूटने का सच सामने आएगा और तब कई लोगों को उसका जबाव देना होगा।ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें