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नर्सरी दाखिले पर अपना रुख स्पष्ट करे केंद्रः कोर्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि वह बुधवार को तक अपना रुख स्पष्ट करे कि क्या नर्सरी में दाखिले पर शिक्षा का अधिकार कानून लागू होता है या नहीं। मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन और...

नर्सरी दाखिले पर अपना रुख स्पष्ट करे केंद्रः कोर्ट
एजेंसीTue, 12 Feb 2013 11:10 PM
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दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि वह बुधवार को तक अपना रुख स्पष्ट करे कि क्या नर्सरी में दाखिले पर शिक्षा का अधिकार कानून लागू होता है या नहीं। मुख्य न्यायाधीश डी मुरुगेसन और न्यायमूर्ति वी के जैन की पीठ ने कहा कि दो बातें आपको (विधि एवं न्याय मंत्रालय) स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या शिक्षा का अधिकार कानून नर्सरी दाखिले पर लागू होता है या नहीं और अगर लागू होता है तो नर्सरी में दाखिले के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाना है।

अदालत ने इससे पहले एक जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली जिसमें दो सरकारी अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई है जो गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए अपना मानदंड बना सकते हैं। अदालत बाद में अपना आदेश सुनाएगी। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हमने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। हम नर्सरी में दाखिले पर अधिनियम के लागू होने के संबंध में अपना रुख अपना सकते थे लेकिन हम आपका भी (केंद्र का) नजरिया जानना चाहते थे।

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल राजीव मेहरा ने सवालों का जवाब देने के लिए दो दिन का वक्त मांगा। इससे पहले एएसजी ने कहा था कि बच्चों के नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम कहता है कि छह से 14 साल का बच्चा कानून के तहत बच्चा समझा जाएगा इसलिए नर्सरी दाखिला इसके दायरे में नहीं आएगा। पीठ ने कहा कि अगर यह (नर्सरी दाखिले) पर लागू नहीं होता है तो इसका क्या उद्देश्य है।

पीठ ने कहा कि हमसे कहा गया है कि नर्सरी दाखिला वैध है और औपचारिक स्कूली शिक्षा के लिए नए सिरे से दाखिले की आवश्यकता नहीं है। उसने कहा कि तब 6 से 14 साल के बच्चों के लिए कोई सीट नहीं बचेगी। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए कल की तारीख निर्धारित कर दी।

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