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यौन अपराधों के लिए आज से सख्त कानून

महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है। इससे बलात्कार के जघन्य मामलों में फांसी और ताउम्र कैद की सजा देना...

यौन अपराधों के लिए आज से सख्त कानून
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 04 Feb 2013 11:29 AM
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महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी है। इससे बलात्कार के जघन्य मामलों में फांसी और ताउम्र कैद की सजा देना संभव होगा।

गृह मंत्रालय सोमवार को इसे अधिसूचित करेगा, इसके बाद देशभर में नया कानून लागू हो जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक फरवरी को आपराधिक कानून में संशोधन अध्यादेश-2013 को मंजूरी प्रदान की थी। शनिवार को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था।

रविवार को गृह मंत्रलय के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ने अध्यादेश को मंजूरी प्रदान कर दी है। दिल्ली में गैंगरेप की घटना के बाद जस्टिस वर्मा समिति की कई सिफारिशों को स्वीकार करते हुए इस अध्यादेश में महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बलात्कार की जगह पर यौन उत्पीड़न शब्द इस्तेमाल करते हुए कानून को व्यापक बनाया गया है।

नए कानून में यदि बलात्कार के दौरान पीड़िता की मृत्यु होती है या वह कोमा में चली जाती है तो दोषियों को फांसी की सजा होगी। गैंगरेप के मामले में न्यूनतम सजा 20 साल होगी, लेकिन उसे ताउम्र तक किया जा सकता है।

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