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मजदूर महिलाओं ने गढ़ा नया अर्थशास्त्र

रोजी-मजदूरी करके जीवन यापन करने वाली छत्तीसगढ़ की आधा दर्जन ग्रामीण महिलाआें ने सफलता की ऐसी इबादत लिख डाली कि प्रबंधन की डिग्रीधारी लागों को भी इसके लिए सौ बार सोचना पड़ेगा। महिलाआें ने वर्ल्ड बैंक...

 मजदूर महिलाओं ने गढ़ा नया अर्थशास्त्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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रोजी-मजदूरी करके जीवन यापन करने वाली छत्तीसगढ़ की आधा दर्जन ग्रामीण महिलाआें ने सफलता की ऐसी इबादत लिख डाली कि प्रबंधन की डिग्रीधारी लागों को भी इसके लिए सौ बार सोचना पड़ेगा। महिलाआें ने वर्ल्ड बैंक की मदद से राज्य में चल रही गरीबी हटाआ परियाजना (नवा अंजार) से एक लाख रुपए लोन लेकर जट्राफा (बायाडीजल उत्पन्न करन वाला पौधा) की नर्सरी लगाई। और उस बच कर साल भर मं 17 लाख रुपए की कमाई कर डाली। रायपुर मं आयाजित एक समाराह मं टीम लीडर विमला बाई का एक्सलंट अवार्ड दत समय पीएम इन वटिंग लालकृष्ण आडवानी नारी सशक्तिकरण की इस गाथा का सुनकर आवाक रह गए। रायपुर स 80 किलामीटर दूर बसना ब्लाक क चनाठ गांव की छह महिलाआं मं स चार गरीबी रखा स नीच आती हैं। और इनमं स एक पांचवीं पास हैं। बाकी सभी कारा निरक्षर। एक आदिवासी और पांच पिछड़ वर्ग की। सभी समृ किसान चमार सिंह पटल की जट्राफा की नर्सरी मं मजदूरी करती थीं। चमार सिंह का जट्राफा की उत्कृष्ट खती क लिए पूर्व राष्ट्रपति एपीज कलाम स पुरस्कार मिल चुका है। कहत हैं, एक की सफलता दूसर का प्ररणा दती है। विमला बाई क नतृत्व मं महिलाआं न फैसला किया कि व भी कुछ करक दिखाएंगी। नर्सरी लगान क लिए सबस बड़ी अड़चन यह थी कि उनक पास एकड़ भर भी जमीन नहीं थी। मगर हौसला फौलादी था। उनक हौसलां का पंख लगाया नवा अंजार परियाजना न। नवा अंजार स दा किश्तां मं उन्हं एक लाख रुपए मिल। इस पैस स महिलाआं न आठ एकड़ जमीन लीज पर ली। जंगल महकम स बीज ली। और जुट गई कामयाबी की नई परिभाषा गढ़न मं। विमला बताती हैं-जितनी महनत हमलाग मजदूरी क लिए करत थ, उसस कई गुना अधिक काम नर्सरी क लिए किए। आठ एकड़ जमीन मं जट्राफा क 20 लाख पौध तैयार हुए। इनमं स एक रुपए प्रति पौध क हिसाब स 17 लाख 12 हजार पौध छत्तीसगढ़ बायाफ्यूल प्राधिकरण न खरीद लिए। शष पौध उड़ीसा क मिशन बायाफ्यूल इंडिया प्रायवट लिमिटड न खरीद लिया। मिशन न इस बार एक कराड़ पौध का आर्डर दिया है। यान ग्रामीण महिलाएं आमदनी का फिर एक रिकार्ड बनाएंगी। क्यांकि, इस बार उन्हांन 35 एकड़ जमीन लीज पर ली है। नवा अंजार परियाजना क डायरक्टर कसी यादव का कहना है कि इन महिलाआं का अब अन्य पौध की नर्सरी लगान क लिए भी प्ररित किया जा रहा है। उन्हांन बताया कि हम इस पर बराबर ध्यान रख रह हैं कि अपढ़ महिलाएं का काई धाखा न द।

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