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नरचमुंड लिए फिरता था सरगना ‘संतजी’

अंगुलीमाल डाकू इसलिए कुख्यात हुआ था कि वह राहगीरों की अंगुली को सहेजकर माला बनाता था। नालंदा पुलिस ने सिलाव के श्रीनगर निवासी जुगल बिन्द को गिरफ्तार किया है जो न सिर्फ हत्या करता, बल्कि मृतक के सिर...

 नरचमुंड लिए फिरता था सरगना ‘संतजी’
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अंगुलीमाल डाकू इसलिए कुख्यात हुआ था कि वह राहगीरों की अंगुली को सहेजकर माला बनाता था। नालंदा पुलिस ने सिलाव के श्रीनगर निवासी जुगल बिन्द को गिरफ्तार किया है जो न सिर्फ हत्या करता, बल्कि मृतक के सिर को लेकर अपनी बर्बरता का प्रदर्शन भी करता। अब तक नौ लोगों की हत्या कर वह इस इलाके का शेर कहलाने लगा था। पुलिस की आंखों के लिए किरकिरी बना हुआ था। लोग त्रस्त थे, खासकर मांझी जाति के वैसे लोग जिनका किसी-न-किसी प्रकार ‘श्रीनगर’ (सिलाव) से जुड़ाव था। एक के बाद एक ही हत्या कर सीरियल किलर युगल का पुलिस से जुगलबंदी 14 वषों बाद हरनौत में हुई।ड्ढr ड्ढr इसे दबोचने में हरनौत, दीपनगर, सिलाव व रहुई के थानाध्यक्षों को तो कई बार पानी पीना पड़ा ही स्वयं पुलिस अधीक्षक की भी कई रातों की नींद हराम हुई। अंगुलीमाल से भी बर्बर इसकी तुलना इस मायने में भी फिट बैठता है कि वह भगवान बुद्ध के समक्ष भिंगी बिल्ली बना था और जुगल पुलिस अधीक्षक के समक्ष। बुधवार को जिस वक्त एसपी के समक्ष जुगल को पेश किया गया तो बने दृश्य ने सहज ही अंगुलीमाल की याद दिला रहा था। हाथों में हथकड़ी के बाद भिंगी बिल्ली बना जुगल डरवाजा खुला भी न था कि साहब को सलामी दागी।

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