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हल्के परमाणु हथियार विकसित करने में जुटा है पाक

हाल ही में दो भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या और सीमा पर आए दिन गोलीबारी करने वाला पाकिस्तान अपनी परमाणु ताकत को और बढ़ा रहा है। ऐसा दावा एक रिपोर्ट में किया गया है। इतना ही नहीं अगर रिपोर्ट की मानें...

हल्के परमाणु हथियार विकसित करने में जुटा है पाक
एजेंसीWed, 16 Jan 2013 05:05 PM
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हाल ही में दो भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या और सीमा पर आए दिन गोलीबारी करने वाला पाकिस्तान अपनी परमाणु ताकत को और बढ़ा रहा है। ऐसा दावा एक रिपोर्ट में किया गया है। इतना ही नहीं अगर रिपोर्ट की मानें तो एक दशक के भीतर पाकिस्तान, ब्रिटेन के परमाणु जखीरे को भी पीछे छोड़ सकता है।

बुलेटिन ऑफ द एटामिक साइंटिस्ट जर्नल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि परमाणु हथियारों के जखीरे में तेजी से इजाफा कर रहे पाकिस्तान की मंशा अब छोटे और हल्के परमाणु आयुध बनाने की है जो मिसाइलों में इस्तेमाल के लिए ज्यादा मुफीद होते हैं। रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा तेजी से विकसित किये जा रहे परमाणु हथियारों का हवाला देते हुये कहा गया है कि एक दशक के अंदर वह, ब्रिटेन के परमाणु जखीरे को पीछे छोड़ सकता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाने का स्पष्ट इरादा जताया है। हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी प्लूटोनियम उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाना शुरू कर दिया है। उसके दो नये प्लूटोनियम उत्पादक रिएक्टर निर्माणाधीन हैं जबकि एक नया रसायन प्रसंस्करण सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है।

जर्नल ने कहा कि पाकिस्तान की प्लूटोनियम में बढ़ती रुचि यह बताती है कि उसका लक्ष्य छोटे और हल्के हथियार विकसित करना है जो मिसाइलों के लिये ज्यादा उपयुक्त हो। वर्ष 2011 में आई न्यूक्लियर नोटबुक की रिपोर्ट के मुताबिक अगले दशक में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का जखीरा ब्रिटेन से बड़ा हो सकता है।

पाकिस्तान के पास भारत से भी ज्यादा परमाणु हथियार होने की संभावना है क्योंकि वह अपने परमाणु जखीरे का तेजी से विकास करते हुए इस पर हर साल करीब 2.5 अरब डॉलर खर्च कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान प्लूटोनियम आधारित हल्के परमाणु हथियार को विकसित कर रहा है। यह प्लूटोनियम उत्पादन में आई तेजी के बल पर ही संभव हो सका है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के पास 90 से 110 परमाणु हथियारों का जखीरा मौजूद है जबकि ऐसा माना जाता है कि भारत के पास 80 से 100 परमाणु हथियार हैं। पाकिस्तान के पास 2,750 किलोग्राम उच्च संवर्द्धन वाला यूरेनियम भी मौजूद है। यह ईंधन परमाणु हथियारों के मानकों के अनुरूप है और पाकिस्तान हर साल 150 किलोग्राम के हिसाब से इसका उत्पादन कर रहा है। पाकिस्‍तान खुशाब स्थित परमाणु संयंत्र में प्‍लूटोनियम के उत्‍पादन की क्षमता भी बढ़ा रहा है।

जर्नल के मुताबिक वैश्विक स्तर पर परमाणु जखीरे में करीब 19 हजार परमाणु हथियार हैं। इनमें परमाणु हथियार रखने वाले देशों के पास करीब 420 परमाणु हथियार हैं जबकि बाकी के हथियार परमाणु शक्ति संपन्न देशों के पास हैं। परमाणु हथियार रखने वाले देशों में करीब 200 परमाणु हथियार बनाने लायक विखंडनीय सामग्री रखने वाला इस्राइल सबसे आगे है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आज इन तीन देशों के पास इतना ज्यादा हथियारों का जखीरा है जितना पहले कभी नहीं था। परमाणु हथियार रखने वाले प्रमुख देशों में तेजी का यह रुझान ब्रिटेन के एकदम विपरीत है जिसके पास एक अनुमान के मुताबिक 225 हथियार हैं। परमाणु शक्ति संपन्न देशों में ब्रिटेन के पास सबसे कम परमाणु हथियार हैं। वर्ष 1975 से 1980 के बीच ब्रिटेन के पास सबसे अधिक 520 परमाणु हथियार थे।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन समेत परमाणु शक्ति संपन्न देश अपने परमाणु हथियार और उसको दागने या छोड़ने की प्रणाली को साथ-साथ रखते हैं, लेकिन परमाणु हथियार रखने वाले देशों का मानक इसके विपरीत है। परमाणु हथियार रखने वाले भारत और पाकिस्तान अपने हथियारों और उनको दागने वाली प्रणालियों को अलग-अलग रखते हैं। इस्राइल अपने जमीन से दागे जाने वाली प्रणालियों से परमाणु हथियारों को अलग रखता है, लेकिन विदेशों में इस्राइली पनडुब्बियों में रखे गये परमाणु हथियारों के बारे में यह सच नहीं है।

जर्नल ने कहा कि इसी तरह से भारत के बारे में यह अनुमान है कि जब आईएनएस अरिहंत का समुद्री परीक्षण पूरा हो जायेगा तब वह के-15 बैलिस्टिक मिसाइल में परमाणु हथियार रखकर पनडुब्बी को समुद्र में उतारेगा। परमाणु हथियार शक्ति संपन्न प्रत्येक देश ने जहां थर्मोन्यूक्लियर हथियार बनाया है वहीं भारत और (शायद) इस्राइल ने इस क्षमता को हासिल करने का मार्ग चुना है, लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वे अभी तक सफल हुए या नहीं।

पाक का एक चेहरा ऐसा भी
पाकिस्तानी सेना अपने कुछ कामों के लिए स्पेशल सर्विस ग्रुप यानी एसएसजी
का इस्तेमाल करती है। यह एक स्पेशल सेना है जो कि पाकिस्तान के इशारे पर क्रूर तरीके से हमला करती है। इसे ब्लैक स्टॉकर्स के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि हाल में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या और एक सैनिक का सिर काटने के लिए यही जिम्मेदार है।

ऐसा भी माना जाता है कि एसएसजी ने ये काम बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) के साथ मिलकर किया था। बीएटी भी पाकिस्तान की एक स्पेशल फोर्स है और उसका काम भी लगभग एसएसजी की तरह ही है। एसएसजी लश्कर-ए-तैयबा के पूरे दबाव में है और उसके कई आतंकी भी इसमें शामिल हैं और ये सभी भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने के साथ ही कई घटनाओं को भी अंजाम देते हैं।     


मानवाधिकार मामले में भी पाक सेना का बुरा रिकॉर्ड
मानव अधिकार पर निगरानी रखने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं और आदिवासी क्षेत्रों में मानव अधिकारों का उल्लंघन किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 'द हैंड्स ऑफ क्रुएल्टी' नाम से सशस्त्र बलों और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में तालिबान द्वारा हनन पर 13 दिसम्बर 2012 में रिपोर्ट प्रकाशित की थी। ब्रिटेन आधारित एजेंसी की रिपोर्ट ने पाकिस्तानी सेना की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी आदिवासी क्षेत्रों में लाखों लोगों को बंद कर दिया जाता था और मानवता के खिलाफ उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थीं।

- पाकिस्तानी सेना पर अपने ही देश के नागरिकों के साथ बर्बर व्यवहार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। पाकिस्तानी सेना के जवानों के द्वारा संभवतः स्वात घाटी में अपने दादा की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों पर भी जुल्म करने का वीडियो फेसबुक और यूट्यूब पर डाला जा चुका है।

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