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कैंपों में रोचोदारों के लिए कोई व्यवस्था नहीं

इमारत-ए -शरिया के नाजिम मौलाना अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि बाढ़पीड़ित कैम्प में रह रहे रोोदारों के लिए अफतारी एवं सेहरी की कोई व्यवस्था नहीं है। रोा खोलने के लिए रोोदार चूड़ा एवं मूड़ी को खाकर रोा...

 कैंपों में रोचोदारों के लिए कोई व्यवस्था नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इमारत-ए -शरिया के नाजिम मौलाना अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि बाढ़पीड़ित कैम्प में रह रहे रोोदारों के लिए अफतारी एवं सेहरी की कोई व्यवस्था नहीं है। रोा खोलने के लिए रोोदार चूड़ा एवं मूड़ी को खाकर रोा खोल रहे हैं। मो. कासमी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शनिवार को इमारत में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैम्प में नमाज पढ़ने की व्यवस्था का घोर अभाव है। उन्होंने नमाजियों एवं रोोदारों के बीच 500 कुरानशरीफ वितरण करने की बात कही है।ड्ढr ड्ढr मो. कासमी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र त्रिवेणीगंज, सुपौल, सहरसा, सिमराही बाजार, विशुनपुर, सुनसरी के सरकारी कैम्पों का मुआयना के बाद शनिवार को यहां लौटे हैं। उन्होंने सरकारी तंत्र को विफल बताते हुए कहा कि इतने दिनों के बाद भी बाढ़ पीड़ितों के बीच अभी तक सही से राहत नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने कहा कि बांध पर किसी तरह कैम्प में रह रहे लोगों की स्थिति बद से बदतर हो चली है। औरतों, लड़कियों के पर्दा की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।ड्ढr ड्ढr उन्होंने कहा कि करईया, गद्दी सहित कई जगहों पर इमारत-ए-शरिया द्वारा लोगों के बीच एक सप्ताह का अनाज वितरण किया गया है। उन्होंने राजनेताओं को आगाह करते हुए कहा कि उनके आवागमन से पदाधिकारी उनकी सेवा में ही जुट जाते हैं। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों की तरफ कोई ध्यान नहीं देता। मो. कासमी ने नीतीश कुमार से अभी से ही जमीन सव्रे का कार्य शुरू कराने का आग्रह किया है, ताकि लोगों को उनकी जमीन मिल सके।

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