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जासूसी मामले में वीके सिंह के परिवार ने मेजर को बनाया बंधक

पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के आवास पर शनिवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब एक मेजर उनके आवास पर सेना के टेलीफोन एक्सचेंज को कथित तौर पर हटाने गए। सिंह के परिवार ने अपने आवास में...

जासूसी मामले में वीके सिंह के परिवार ने मेजर को बनाया बंधक
एजेंसीSat, 05 Jan 2013 09:34 PM
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पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के आवास पर शनिवार को उस वक्त नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब एक मेजर उनके आवास पर सेना के टेलीफोन एक्सचेंज को कथित तौर पर हटाने गए। सिंह के परिवार ने अपने आवास में इसे जासूसी यंत्र लगाने की कोशिश बताया।

सिग्नल्स रेजीमेंट के मेजर को पूर्व सेना प्रमुख के परिवार के सदस्यों ने बंधक बना लिया। उन्होंने दोपहर करीब दो बजे दिल्ली छावनी में मंदिर मार्ग स्थित आवास पर मीडिया को बुलाया।

परिवार के सदस्यों ने जनरल सिंह की जेड प्लस सुरक्षा हटाये जाने से इस मामले को जोड़ दिया। पूर्व सेना प्रमुख की उम्र को लेकर पैदा हुए विवाद के चलते साल भर से अधिक समय से मंत्रालय के साथ उनका गतिरोध कायम है।

जनरल सिंह के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रथम सिग्नल्स रेजीमेंट के मेजर आर विक्रम उनके आवास में बगैर इजाजत के प्रवेश कर गए और उन्होंने उनके टेलीफोन से छेड़छाड़ की कोशिश की।

जनरल सिंह के वकील विश्वजीत सिंह ने बताया कि हमने मेजर को आवास में पाया। वे वहां मौजूदगी की कोई उचित वजह नहीं बता सके। उनके पास कोई वैध दस्तावेज भी नहीं थे। हमने उन्हें बंधक बना लिया। उन्होंने अपनी पहचान प्रथम सिग्नल्स रेजीमेंट के मेजर आर विक्रम के रूप में जाहिर की। उन्होंने दावा किया कि सेना के मेजर और उनकी टीम के पास कुछ कार्ड थे।

उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने सुरक्षा वापस ले ली थी और अब यह सब कुछ हुआ।

सेना सूत्रों ने बताया कि जेड प्लस सुरक्षा श्रेणी के तहत दिये गए पूर्व सेना प्रमुख के आवास से एक्सचेंज हटाया जा रहा है। सेना ने जासूसी की कोशिश के आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि टीम वहां सेना के टेलीफोन एक्सचेंज को हटाने गई थी और संवादहीनता के चलते ये हालात पैदा हुए।

सेना ने एक बयान में कहा कि एक सिग्नल्स रेजीमेंट पार्टी सेना के एक्सचेंज और लाइन को हटाने के लिए मंदिर मार्ग स्थित उनके आवास पर गई। पूर्व सेना प्रमुख ने पूर्व नोटिस के बगैर एक्सचेंज हटाये जाने पर आपत्ति जताई। बहरहाल, टीम एक्सचेंज हटाये बगैर लौट गई।

सेना के प्रवक्ता कर्नल जे दहिया ने कहा कि सेना की टीम वहां टेलीफोन एक्सचेंज हटाने गई थी लेकिन बगैर पूर्व सूचना के गई थी इसलिए यह सब हुआ।

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