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नहीं शुरू हो पायी समाजशास्त्र की पढ़ाई

राज्य गठन के आठ साल बाद भी समाजशास्त्र की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। 2003 में रांची यूनिवर्सिटी एकेडेमिक कौंसिल से इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। उच्च शिक्षा निदेशालय को सौंपे प्रस्ताव में छह...

 नहीं शुरू हो पायी समाजशास्त्र की पढ़ाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य गठन के आठ साल बाद भी समाजशास्त्र की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। 2003 में रांची यूनिवर्सिटी एकेडेमिक कौंसिल से इसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। उच्च शिक्षा निदेशालय को सौंपे प्रस्ताव में छह कॉलेजों में समाजशास्त्र के नये विभाग खोलने की अनुमति मांगी गयी थी। सितंबर 2006 में सरकार ने तीनों यूनिवर्सिटी से इसका प्रस्ताव मंगवाया। उच्च शिक्षा निदेशालय में निदेशक बदलते ही प्राथमिकताएं बदल गयीं। यही कारण है कि इससे संबंधित फाइल निदेशालय में धूल फांक रही है। तत्कालीन उच्च शिक्षा निदेशक डॉ विजय बहादुर सिंह ने तीनों यूनिवर्सिटी को पत्र भेज कर पदों के सृजन और उन पर खर्च होनेवाली राशि के संबंध में विवरण सहित प्रस्ताव मांगा था। विवि ने रांची एवं जमशेदपुर के तीन-तीन बड़े कॉलेजों में समाजशास्त्र की पढ़ाई शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। रांची में रांची कॉलेज, रांची महिला कॉलेज एवं मारवाड़ी कॉलेज, जमशेदपुर में कोऑपरेटिव कॉलेज, वर्कर्स कॉलेज एवं जमशेदपुर महिला कॉलेज में इसकी शुरुआत होनी थी। गुमला जिले में केओ कॉलेज, जेएलएन कॉलेज चक्रधरपुर, पलामू में जीएलए कॉलेज डालटनगंज, एसएसजेएसएन कॉलेज गढ़वा एवं बीएस कॉलेज लोहरदगा में इसकी पढ़ाई शुरू करने की योजना थी।

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