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आर्थिक मंदी से ओबामा फायदे में!

वाल स्ट्रीट में आई ऐतिहासिक मंदी का असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान पर भी साफ दिखने लगा है। पिछले सप्ताहों में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच उछले ‘सुअर के होठों पर लिपस्टिक’ जसे मुद्दे पीछे चले...

 आर्थिक मंदी से ओबामा फायदे में!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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वाल स्ट्रीट में आई ऐतिहासिक मंदी का असर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान पर भी साफ दिखने लगा है। पिछले सप्ताहों में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच उछले ‘सुअर के होठों पर लिपस्टिक’ जसे मुद्दे पीछे चले गए हैं और अर्थव्यवस्था का सवाल आगे आ गया है। इससे राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी बराक ओबामा को एक अप्रत्याशित अवसर भी मिल गया है कि वह व्हाइट हाउस के लिए जारी दौड़ में अपनी बढ़त बना लें। इसी बीच गुरुवार को ओबामा को राष्ट्रीय स्तर के दो सव्रेक्षणों में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन मैक्केन पर 4से 45 फीसदी तक की बढ़त मिल गई। मैक्केन को ‘पालिन पावर’ की वजह से बढ़त मिली थी मगर आर्थिक संकट से निबटने के लिए दिए गए ओबामा के पैकेा ने लोगों को आकृष्ट किया और सीबीएसन्यूयार्क टाइम्स के सव्रे में वह मैक्केन से आगे निकलते दिखे। वित्तीय उठापटक ने मैक्केन को रक्षात्मक रुख अख्तियार करने पर मजबूर कर दिया है। उन्हें अपने चुनावी प्रचार के दो दिनों में अपने उस बयान पर सफाई देनी पड़ी जिसमें उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था की ‘मूलभूत चीजें’ मजबूत हैं। मैक्कन के इस तरह के बयान से ओबामा और डेमोक्रेटों को बहस के अपने पसंदीदा अखाड़े में कूदने का मौका भी मिल गया है। इससे पहले पूर साल ओबामा कामगार वर्ग के वोटों को अपनी तरफ करने के अभियान में लगे हुए थे। अब वालस्ट्रीट में आए संकट ने उन्हें अंत में सबसे बेहतर मौका दे दिया है कि वह 4 नवंबर के पहले वर्गीय मतदाताओं को अपनी तरफ कर सकें। उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के राजनीति-विज्ञानी एंड्रेव टेलर कहते हैं, ‘ऊपरी तौर पर यह ओबामा के लिए फायदेमंद होना चाहिए। लेकिन उन्होंने हमेशा ऐसे अवसरों, खासकर अर्थव्यवस्था पर लाभ लेने की योग्यता नहीं दिखाई है।’ टेलर के मुताबिक यह एक प्रस्थान बिंदु हो सकता है। यह एक लंबा अभियान है और इसमें उतार-चढ़ाव भी हैं मगर हमें यह देखना चाहिए कि इससे ओबामा को थोड़ी गति मिली है। मतदाता चुनाव अभियान में अर्थव्यवस्था के मुद्दे को सबसे ऊपर रख रहे हैं, लेकिन बीते दो सप्ताहों में मैक्केन की मौजूदा जोड़ी अलास्का की गवर्नर सारा पालिन की चर्चा ही मुख्य रूप से हावी रही। इस दौरान हल्के फुल्के मुद्दे उछाले जाते रहे। लेकिन लेहमैन ब्रदर्स के दिवालिया होने और मेरिल लिंच के बिकने के दो दिनों बाद इंश्योरंस कंपनी एर्आक्षी को बचाने के सरकारी प्रयास की घटना ने तेजी से सबका ध्यान अर्थव्यवस्था की ओर मोड़ दिया। नतीजतन ओबामा और मैक्केन दोनों को इस संकट की बाबत अपना रुख साफ करना पड़ा है।

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