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बधिर बच्चों ने सबको किया भावुक

ाहां डाल डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा.. गीत पर बधिर बच्चों द्वारा निकाली गई झांकी को देख लोग हतप्रभ रह गए। देशभक्ित से ओपप्रोत बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से सबों को भावुक कर दिया। इसमें...

 बधिर बच्चों ने सबको किया भावुक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ाहां डाल डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा.. गीत पर बधिर बच्चों द्वारा निकाली गई झांकी को देख लोग हतप्रभ रह गए। देशभक्ित से ओपप्रोत बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से सबों को भावुक कर दिया। इसमें त्रिपोलिया स्कूल के शिवानी, कैफ, चंदन, शेखर, अमित, कृष्ण और आनंद ने प्रस्तुत किया।ड्ढr दूसर ग्रुप ने नच बलिए.. फिल्मी गीत पर जमकर झूमे। इसमें नीलू, हर्ष, विवेक, ज्योति, फातमा, विद्या, आशा, नेहा, राखी और स्वाती ने भाग लिया। मौका था बिहार बधिर संघ व पटना जिला बधिर संघ द्वारा बिहार चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में आयोजित 51वें अन्तर्राष्ट्रीय बधिर दिवस का। इसे रोटरी पटना मिड टाउन और इनरव्हील क्लब द्वारा प्रायोजित किया था।ड्ढr ड्ढr उमंग बाल विकास संस्था के बच्चों द्वारा ‘हम सब भारतीय हैं’ नाटक का मंचन किया गया। इस मौके पर बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृ तिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष महान वैज्ञानिक अलेक्ोंडर की जयंती पर मनाया जाता है। इस दौरान बधिर बच्चें पेंटिग प्रतियोगिता में भी शामिल होते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायमूर्ति समरन्द्र प्रताप सिंह ने किया। उन्होंने बधिर बच्चों को यथा सभंव सहायात देने की आवश्यकता पर बल दिया वे ताकि इनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। विधान पार्षद प्रो. नवल किशोर यादव ने अपने फंड से बच्चों को हर सभंव मदद करने की बात कही।ड्ढr इस मौके पर रोटरी मिड टाउन के अध्यक्ष देवेन्द्र अग्रवाल, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष मंजू प्रकाश मौजूद थीं। संचालन डा. आनंद मूर्ति व धन्यवाद ज्ञापन संघ के अध्यक्ष डा. एस के प्रसाद ने किया। ड्ढr बाढ़ प्रभावित महिलाओं बच्चों को मिला ठिकानाड्ढr पटना (का.सं.)। सूबे के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिहार व केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड के सभी 24 अस्थायी शार्टस्टे होम व क्रच गुलजार हो गए हैं। इनमें बच्चों की किलकारियां गूंजने लगी हैं। बोर्ड के प्रयासों से बाढ़ की विभीषिका झेल रही महिलाओं व बच्चों के चेहर पर थोड़ी बहुत हंसी आने लगी है। यहां पर बाढ़ प्रभावित महिलाओं को वोकेशनल ट्रनिंग व जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है। तीन महीने तक इन केंद्रों में चार से पांच हजार महिलाओं व बच्चों के खाने-पीने व रहने का इंतजाम किया गया है। एक शार्टस्टे होम में दो सौ महिलाओं के रहने की व्यवस्था की गयी है।ड्ढr ड्ढr केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड के संयुक्त निदेशक केके काकनवार की अनुशंसा पर बोर्ड की अध्यक्ष प्रमा करियप्पा ने तत्काल सुपौल, मधेपुरा, अररिया, सहरसा, पूर्णिया व कटिहार आदि जिलों में शार्टस्टे होम व क्रच की सुविधा शुरू करने का आदेश दिया था। लगभग दस दिनों से इन आश्रयगृहों में महिलायों व बच्चों को ठिकाना मिला हुआ है।राज्य समाज कल्याण बोर्ड के सचिव आरके सिंह ने बताया कि जल्द ही क्रच व शार्टस्टे होम में रहने वाले बच्चों के लिए खेलकूद व मनोरंजन के सामान भी मुहैया कराए जाएंगे।

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