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बगैर फर्नीचर के 3000 पंचायतें

सूबे की तीन हजार से अधिक पंचायतों को बगैर कुर्सी-टेबुल के ही रहना होगा। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मात्र 5300 ग्राम पंचायतों को ही फर्नीचर के लिए धन राशि दी है। ऐसे में 3144 पंचायतों के समक्ष...

 बगैर फर्नीचर के 3000 पंचायतें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सूबे की तीन हजार से अधिक पंचायतों को बगैर कुर्सी-टेबुल के ही रहना होगा। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मात्र 5300 ग्राम पंचायतों को ही फर्नीचर के लिए धन राशि दी है। ऐसे में 3144 पंचायतों के समक्ष बगैर उपस्कर के ही काम करने की बाध्यता होगी। पंचायती राज विभाग ने राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत को पांच हजार रुपए उपस्कर के लिए दिए हैं। इस कार्य के लिए 2.65 करोड़ रुपए दिए गए हैं। शेष बच गयी ग्राम पंचायतों के लिए सरकार को 1.57 करोड़ रुपए अलग से फर्नीचर के लिए देने होंगे।ड्ढr ड्ढr पंचायती राज विभाग के अनुसार राज्य में 8463 ग्राम पंचायतों में से 62.85 फीसदी ग्राम पंचायतों को ही पहले चरण में उपस्कर के लिए धन राशि देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में मात्र 531ग्राम पंचायतों को ही फर्नीचर की पात्रता मिल सकी। इस नियम के कारण सभी जिलों में लगभग एक तिहाई ग्राम पंचायतों को बगैर उपस्कर के ही दैनिक कार्य निष्पादित करने होंगे। विभाग से मिली सूचना के अनुसार पटना की 331 में 208 ग्राम पंचायतों को ही उपस्कर के लिए सरकार से पैसा मिला है।

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