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गोली खाकर नहीं देंगे वोट

गोली खाकर वोट नहीं देंगे। सड़क, पानी, इंदिरा आवास की व्यवस्था कर दीजिये, तो हमलोग एक नहीं 50 वोट देंगे। गांव का एक भी वोट नहीं पड़ेगा। सुगनू गांव की शीला देवी, सुभद्रा देवी, बैजयंती देवी, देवयंती...

 गोली खाकर नहीं देंगे वोट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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गोली खाकर वोट नहीं देंगे। सड़क, पानी, इंदिरा आवास की व्यवस्था कर दीजिये, तो हमलोग एक नहीं 50 वोट देंगे। गांव का एक भी वोट नहीं पड़ेगा। सुगनू गांव की शीला देवी, सुभद्रा देवी, बैजयंती देवी, देवयंती देवी, कमली देवी और रूबन देवी ने पूर जोश और होश के साथ मीडिया वालों से ये बातें कहीं। पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा गुस्से में थीं। पुलिस फायरिंग के बाद गांव के लोग वोट बहिष्कार के अपने निर्णय पर अडिग दिखे। सेना छावनी से सटे लगभग पांच हाार आबादी वाले इस गांव में लोकतंत्र के महापर्व की कोई झलक नहीं दिखी। गांव के तीन बूथों पर मतदाताओं की जगह मतदानकर्मी और रैफ के जवान ही नजर आये। गांव का एक भी व्यक्ित मतदान केंद्रों तक नहीं गया। विद्यालय की बूथ संख्या 220 और 221 पर मतदानकर्मी अखबार पढ़ते नजर आये।युवा बसंत कुमार, रामसेवक साहू और संजय कुमार साहू ने कहा कि यह गांव भाजपा का गढ़ रहा है, दूसरी पार्टियों के उम्मीदवार यहां नहीं आते हैं। 20 साल से हमलोग यहां की समस्याओं के बार में सांसद को बोलते-बोलते थक चुके हैं, कोई सुनने वाला नहीं। गांव के कई लोगों का वोटर लिस्ट में नाम नहीं है, उन्हें पहचान पत्र नहीं मिला है। रामचरण महतो कहते हैं कि पिछले दिनों गांव की सड़क से टेकर पर गांववाले छेका देकर लौट रहे थे, तो सेना के जवानों ने ओवरलोड का बहाना लगाकर हमलोगों की पिटाई कर दी। गांव वालों के पास बस एक ही रटा-रटाया जवाब था, हमें रोड चाहिए। आजादी के 60 वर्ष बाद भी हमें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। जनप्रतिनिधियों ने हमारी घोर उपेक्षा की है। उल्लेखनीय है कि है रांची से सात किलोमीटर दूर पिछड़ी जाति बहुल यह गांव कई बार सांसद रहे राम टहल चौधरी का ससुराल भी है। श्री चौधरी बार-बार यहां आते रहे है।नोंक-झोंक, आरोप-प्रत्यारोपरांची। सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में चुनाव के दौरान दिनभर गहमागहमी बनी रही। विभिन्न राजनैतिक दल के नेता एवं कार्यकर्ता अपने-अपने समर्थकों को मतदान के लिए प्रेरित करते दिखे। दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस दौरान कई बार नोंकझोंक और धक्का-मुक्की की भी नौबत आयी। पुलिस की खदेड़ा-खदेड़ी के बीच पास-पड़ोस के लोग मामले को नजदीकी बता कर आपस में शांति बहाल के लिए प्रयास करते एवं सुलह कराने की भूमिका में दिखे।ड्ढr गुरुवार को सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का आना-ााना शुरू हो गया था। हालांकि मतदान के लिए तय समय सीमा के दौरान मतदाताओं की भीड़ काफी कम दिखी। मतदान में महिलाओं को काफी उत्साह के साथ भाग लेते देखा गया।ड्ढr वोटरों की कमी से प्रत्याशी हताश : रातू रोड इलाके के विभिन्न मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की कम उपस्थिति दिखी। इलाके के किसी बूथ पर वोटरों की लंबी कतार नहीं थी। मतदाताओं की कमी ने प्रत्याशियों की मुसीबतें बढ़ा दी है। बूथों पर प्राय: 10 बजे के बाद ही भीड़ देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार के चुनाव में तो 10 बजे के बाद लोगों की आवाजाही काफी कम हो गयी। वैसे रातू रोड इलाके के विभिन्न बूथों पर सामान्यत: 27 से 40 प्रतिशत तक वोट पड़े हैं।

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