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बाढ़ग्रस्त कोसी क्षेत्र महामारी से मुक्त

मेडिकेयर के बेहतर इंतजामात की वजह से कोसी क्षेत्र महामारी से मुक्त है। आला सूत्रों के मुताबिक बाढ़ग्रस्त जिलों सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया, पूर्णिया में 133 एम्बुलेंस, 541 डाक्टर, 1450 पारामेडिक्स...

 बाढ़ग्रस्त कोसी क्षेत्र महामारी से मुक्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मेडिकेयर के बेहतर इंतजामात की वजह से कोसी क्षेत्र महामारी से मुक्त है। आला सूत्रों के मुताबिक बाढ़ग्रस्त जिलों सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, अररिया, पूर्णिया में 133 एम्बुलेंस, 541 डाक्टर, 1450 पारामेडिक्स डय़ूटी पर मुस्तद हैं। दवाइयों की भी कोई कमी नहीं है। पुनर्वास एवं बाढ़पीड़ित कल्याण मंच, मधेपुरा (बिहार) के संयोजक देव नारायण साह ने हिन्दुस्तान को बताया कि बीमारी की छिटपुट घटनाएं तो सामने आई हैं पर महामारी कहीं नहीं है। कोसी की प्रलयंकारी बाढ़ के शुरूआती दिनों में आशंका जताई जा रही थी कि हालात पर काबू पाना मुमकिन नहीं होगा और क्षेत्र में महामारी फैलेगी। पर सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों से स्थिति नियंत्रण में है। डायरिया के मामले सामने आये हैं। शिविरों में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। श्री साह के मुताबिक सिंहेश्वर-मधेपुरा शिविर में दो-तीन दिन पहले बाढ़ पीड़ितों की डाक्टरी जांच के दौरान करीब एक दर्जन कैंसर के मामले पाये गए। दस रोगियों में स्तन, रक्त, मुंह और आंत के कैंसर मिले। यह आश्चर्यजनक इसलिए है क्योंकि इस इलाके में कैंसर आम नहीं है। क्या हो सकता है कारण? साह के मुताबिक पहली नजर में तो इसके लिए तम्बाकू-गुटका को दोषी ठहराया जा सकता है। क्योंकि पिछले 3-4 सालों में गुटके की खपत में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। कारोबारी सूत्रों की माने तो मधेपुरा जिले में हर माह लोग करीब तीन करोड़ का गुटका गटक जाते हैं। शहरों से ज्यादा गांवों में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। हैरत की बात है कि महिलाएं अधिक खाती हैं। कैसे हैं मेडिकेयर के इंतजामात? साह के मुताबिक इस बार सरकार ने मेडिकल की अच्छी व्यवस्था की है। गैर-सरकारी संगठनों की मौजूदगी भी जबर्दस्त है। झारखंड की ओर से एक बहुत बड़ी मोबाईल लैब है जिसमें सभी आवश्यक जांच की सुविधाएं हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन, स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया, भारत गैस, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की ओर से सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। बाबा रामदेव और आशाराम बापू के कार्यकर्ताओं की भी मौजूदगी है।

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