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परमाणु डील पर सील तीन को

भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार अमेरिकी कांग्रेस में तकरीबन सभी अड़चनों को पार करता मंजूरी के अंतिम चरण में पहुँच गया है। पूरी संभावना है कि इस पर अंतिम मुहर तीन अक्तूबर को लग जाएगी। अमेरिकी विदेश...

 परमाणु डील पर सील तीन को
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार अमेरिकी कांग्रेस में तकरीबन सभी अड़चनों को पार करता मंजूरी के अंतिम चरण में पहुँच गया है। पूरी संभावना है कि इस पर अंतिम मुहर तीन अक्तूबर को लग जाएगी। अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस एक दिवसीय दौर पर इसी दिन भारत आ रही हैं। राइस ने अमेरिकी कांग्रेस को पत्र लिखकर करार को जल्द से जल्द मंजूरी देने का भी आग्रह किया है।ड्ढr राइस नई दिल्ली में विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलों पर बात करंगी। इस दौरान दोनों नेता 123 समझौते पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं। इससे पहले, करार के प्रबल विरोधी हावर्ड बर्मन के यू-टर्न लेने से अमेरिकी प्रतिनिधिसभा से इसे मंजूरी मिलना लगभग तय हो गया। बर्मन ने कहा कि मैं परमाणु करार का खुलकर समर्थन करता हूं। मैंने हाइड एक्ट के लिए पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है। प्रतिनिधिसभा में भारतीय समयानुसार शुक्रवार देर रात करार से संबंधित विधेयक पर करीब 40 मिनट तक बहस हुई। कुछ सदस्यों ने इसका यह कहकर विरोध किया कि भारत को परमाणु व्यापार की छूट देने से परमाणु अप्रसार के प्रयासों को नुकसान पहुँचेगा।ड्ढr ड्ढr वक्ताओं ने तर्क दिया कि इससे ईरान, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश परमाणु अप्रसार व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित होंगे। करार के समर्थन में उतरे वक्ताओं ने कहा कि परमाणु अप्रसार में भारत के बेदाग रिकार्ड, उसकी ऊर्जा जरूरतों और दोनों देशों के बीच बढ़ रहे सहयोग को देखते हुए करार को मंजूरी दी जानी चाहिए।ड्ढr ड्ढr अंत में डेमोक्रेटिक सांसद एडवर्ड मार्की ने प्रस्ताव पर मतदान कराने की बात कही, लेकिन उस पर सहमति बनती नजर नहीं आई। इस पर वोटिंग एक दिन टाल दी गई। उधर, सीनेट में भी एक सदस्य द्वारा अड़ंगा लगाने के बावजूद डेमोक्रेटिक नेता हैरी रीड ने उम्मीद जताई कि करार को अनुमोदन के लिए अगले हफ्ते पेश किया जा सकेगा। सीनेट में एक अज्ञात सीनटर न विधेयक पर चर्चा क लिए ‘स्थगन’ प्रस्ताव पश किया है। करार को सीनट क समक्ष बहस या सर्वसम्मति स मंजूरी क लिए पश किए जान स पहल इस रोक को हटाया जाना आवश्यक है। स्थगन प्रस्ताव में कोई सांसद बहुमत और अल्पमत क नताओं को यह सूचित करता है कि वह विधेयक को बिना बहस क सर्वसम्मति स पारित किए जान क खिलाफ है।

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