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महात्मा गांधी के नेतृत्व से सीख लें: कलाम

चीन की अपनी पहली यात्रा के दौरान महात्मा गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने शनिवार को चीनी छात्रों को उनके बताए रास्ते पर चलने और सवाल पूछने की कला विकसित करने...

महात्मा गांधी के नेतृत्व से सीख लें: कलाम
एजेंसीSat, 03 Nov 2012 10:51 PM
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चीन की अपनी पहली यात्रा के दौरान महात्मा गांधी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने शनिवार को चीनी छात्रों को उनके बताए रास्ते पर चलने और सवाल पूछने की कला विकसित करने का सुझाव दिया।

पेकिंग यूनिवर्सिटी के छात्रों से रचनात्मक नेतृत्व के आयाम विषय पर बातचीत करते हुए कलाम ने इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने 15 अगस्त, 1947 को सामाजिक असमानता के शिकार लोगों को सांत्वना देने के लिए कोलकाता में बने रहना उचित समझा जबकि पूरा देश अपनी आजादी का उत्सव मना रहा था जिसके लिए गांधीजी ने संघर्ष किया था।

अपनी चीन यात्रा के अंतिम चरण में कलाम ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति की खुशियां मनाने के महान मौके पर वह आयोजन में शामिल नहीं थे और जख्मों को भर रहे थे।

भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति ने भारत के अंतरिक्ष और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में भी बात की। उन्होंने नेतृत्व क्षमता की बात की तो इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सतीश धवन का भी जिक्र किया जो एसएलवी-3 का प्रक्षेपण विफल होने और इसके समुद्र में गिरने पर इसके परियोजना निदेशक बतौर कलाम के बचाव में आगे आए थे।

कलाम ने याद करते हुए कहा कि टीम के बचाव में आते हुए धवन ने कहा था कि हम गिरे हैं लेकिन असफल नहीं हुए। कलाम के मुताबिक धवन ने उनसे कहा कि वे अपने प्रयास जारी रखें और इसके नतीजतन ही इसरो के वैज्ञानिकों ने एसएलवी श्रृंखला का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर इस क्षेत्र में भारत को आगे किया।

पूर्व राष्ट्रपति ने अग्नि मिसाइल के विकास के बारे में भी छात्रों से बातचीत की। विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब में उन्होंने सवाल पूछने की धारणा को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

कलाम चीन की सरकार के समर्थन वाली वैचारिक संस्था बीजिंग फोरम के निमंत्रण पर चीन की यात्रा पर आए हैं। उन्होंने यहां भारतीय राजदूत एस जयशंकर की मेजबानी में आयोजित स्वागत समारोह में भी भाग लिया और बीजिंग में रहने वाले भारतवंशी समुदाय से मुलाकात की।

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