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वकील के साथ जन नेता भी थे येरन नायडू

एक दूरस्थ गांव के किसान परिवार में जन्मे किंजारापु येरन नायडू आंध्र प्रदेश में एक ऊंचे कद के नेता के रूप में उभरे थे। 55 वर्षीय नायडू की शुक्रवार तड़के श्रीकाकुलम जिले में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो...

वकील के साथ जन नेता भी थे येरन नायडू
एजेंसीFri, 02 Nov 2012 03:06 PM
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एक दूरस्थ गांव के किसान परिवार में जन्मे किंजारापु येरन नायडू आंध्र प्रदेश में एक ऊंचे कद के नेता के रूप में उभरे थे। 55 वर्षीय नायडू की शुक्रवार तड़के श्रीकाकुलम जिले में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। वह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का एक जाना-पहचाना चेहरा व एक जन नेता थे।

चार बार सांसद व कई बार आंध्र प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे नायडू हमेशा अपनी पार्टी के प्रति वफादार रहे। वह तेदेपा के गठन के समय से ही उसमें हैं। जन मुद्दों पर तेदेपा के प्रदर्शनों में वह अग्रणी भूमिका निभाते रहे। वह एक मिलनसार व्यक्ति थे जो हमेशा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को आसानी से उपलब्ध रहे।

नायडू का जन्म 23 फरवरी, 1957 को उत्तरी तटीय आंध्र के श्रीकाकुलम जिले के निमाडा में हुआ था। वह इस पिछड़े इलाके के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक थे।

उनमें छात्र जीवन से ही नेतृत्व के गुण थे। उन्होंने विशाखापट्टनम स्थित आंध्र विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की थी। जब 1982 में लोकप्रिय तेलुगू अभिनेता एन. टी. रामा राव ने तेदेपा का गठन किया, तभी से वह इस पार्टी में थे।

वह 1983 में हरीशचंद्रपुरम से विधानसभा सदस्य चुने गए। 1985 में उनका पुनर्निवाचन हुआ। वर्ष 1989 में तेदेपा का टिकट न मिलने पर उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। बाद में वह पार्टी में लौट आए और 1994 में लगातार चौधी बार विधायक चुने गए।

तेदेपा के वर्तमान अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने जब रामा राव के खिलाफ विद्रोह किया तो उन्होंने उनका साथ दिया। चंद्रबाबू 1995 में मुख्यमंत्री बने। येरन नायडू 1995 से 1996 तक सरकार के मुख्य सचेतक रहे।

तेदेपा कार्यकर्ताओं में येरान्ना के नाम से मशहूर नायडू ने 1996 में संसद चुनाव लड़ा। वह श्रीकाकुलम से लोकसभा के लिए चुने गए। वह केंद्र की संयुक्त मोर्चा सरकार में ग्रामीण विकास एवं रोजगार मंत्री रहे।

 

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