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पहली को जुटेंगे देश के दिग्गज कवि

साहित्य अकादमी के उप सचिव व साहित्यकार ब्रजेन्द्र त्रिपाठी की राय में मंच की कविता का पतन हुआ है। गंभीर कविताओं के श्रोताओं में काफी ह्रास हुआ है। छंदबंद व मुक्त छंद कविताओं के बीच दूरी हो गयी है।...

 पहली को जुटेंगे देश के दिग्गज कवि
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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साहित्य अकादमी के उप सचिव व साहित्यकार ब्रजेन्द्र त्रिपाठी की राय में मंच की कविता का पतन हुआ है। गंभीर कविताओं के श्रोताओं में काफी ह्रास हुआ है। छंदबंद व मुक्त छंद कविताओं के बीच दूरी हो गयी है। छंदबंद कविताएं समीक्षा से भी पर हो गयी है। हालांकि छंद में भी गंभीर कविताएं लिखी जाती रही हैं। साहित्य अकादमी इस दूरी को पाटने की कोशिशों में लगा है। छंदबंद कविताओं को भी परिदृश्य में फिर से लाया जा रहा है। इस पर गंभीर बातचत कराया जा रहा है। उनकी राय में बड़े कवियों ने छंद को नहीं छोड़ा है।ड्ढr ड्ढr त्रिलोचन बराबर लिखते रहे हैं। आज की कविताओं में जमीन से जुड़ी हुई बातें कही जा रही हैं। यह शुभ संकेत है। वैश्वीकरण व बाजारीकरण को लेकर बढ़िया कविताएं लिखी जा रही हैं। उनकी राय में बिहार रचनाकारों के लिए काफी उर्वरा है। बिहार के रचनाकारों की रचनाधर्मिता में बिहार की समसामयिक समस्याओं की सच्ची तस्वीर उभरकर सामने आती है। श्री त्रिपाठी ने सोमवार को ‘हिन्दुस्तान ’ से विशेष बातचीत करते हुए यह राय जाहिर किया। वे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मशतवार्षिकी के अवसर पर राजधानी पटना में पहली अक्तूबर को तारामंडल में आयोजित होने वाली हिन्दी काव्य गोष्ठी के सिलसिले पटना आए हुए हैं।ड्ढr ड्ढr गोरखपुर(यूपी) निवासी श्री त्रिपाठी की ‘तलाश व धूप एक बरामदे की’ काव्य संग्रह काफी प्रशंसित हुई है। उनके अनुसार साहित्य अकादमी द्वारा इस तरह का आयोजन अर्से बाद किया जा रहा है। बिहार के इस सपूत की स्मृति में आयोजित इस कव सम्मेलन में देश के कई दिग्गज कवि शिरकत करंगे। उनके मुताबिक तीन पीढ़ियों के कवियों को एक मंच पर लोग काव्य की रसधारा बहाते सुन सकेंगे। दिग्गज कवि केदारनाथ सिंह, अशोक वाजपेयी, कैलाश वाजपेयी, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में चार सत्र होंगे। इसमें हिन्दी में लिखी जा रही समसामयिक कविताओं के प्रतिनिधि कवि यथा नरश सक्सेना, लीलाधर मंडलोई, लीलाधर जगूड़ी, अष्टभुजा शुक्ला, आलोक धन्वा, अरुण कमल, अनामिका, शंभू बादल, संजय कुंदन, अरुणेश नीरन, मदन कश्यप, रंजना जायसवाल, नंदकिशोर आचार्य, कमलेश, अनंत मिश्रा, ओम निश्चल, निलय उपाध्याय, विमल कुमार राजेश जोशी, सत्यनारायण, रश्मि रखा, ज्ञानेन्द्रपति त्रिपाठी, शरद रंजन शरद, सुनीता जैन अपनी रचनाओं के साथ श्रोता से रू-ब-रू होंगे।

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