निर्यात की तुलना में आयात वृद्धि दर हुई दोगुनी
वाणिज्य मंत्री कमलनाथ यह देखकर अपनी पीठ खुद ठोंक सकते हैं कि बीते अगस्त माह के दौरान निर्यात में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है लेकिन चिंताजनक बात यह है कि निर्यात के मुकाबले आयात लगभग दो गुना...
वाणिज्य मंत्री कमलनाथ यह देखकर अपनी पीठ खुद ठोंक सकते हैं कि बीते अगस्त माह के दौरान निर्यात में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है लेकिन चिंताजनक बात यह है कि निर्यात के मुकाबले आयात लगभग दो गुना रफ्तार से यानी 51 फीसदी बढ़ गया है। इसके चलते व्यापार घाटा चिंताजनक हो गया है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि आयात में बढ़ोत्तरी की मुख्य वजह गैर-तेल आयात नहीं बल्कि तेल आयात है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल मूल्यों के ऊंचे स्तर पर रहने की वजह से तेल आयात बिल में 76 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह 6.20 अरब डॉलर से बढ़कर 10.अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि गैर तेल यानी मशीनरी आयात में महा 3ीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह 13.60 अरब डॉलर के मुकाबले 18.अरब डॉलर पर पहुंच गया है। मतलब यह कि आयात का पैसा नई परियोजना के विस्तार में कम बल्कि तेल आयात बिल में ज्यादा खर्च हुआ है। और भी इसलिए क्योंकि उसके दाम ऊॅंचे हैं। जहां तक निर्यात का मामला है, बीते अगस्त माह के दौरान इसमें 26.ीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है जिसके चलते यह 12.61 अरब डॉलर के मुकाबले 16 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसी के साथ चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त माह के दौरान निर्यात 35.1 फीसदी बढ़कर 60.10 अरब डॉलर से बढ़कर 81.22 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। अगस्त माह के दौरान आयात में 51.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह 2अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों यानी अप्रैल से अगस्त के दौरान आयात में 37.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और यह अरब डॉलर के मुकाबले130.36 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसी अवधि के दौरान तेल आयात बिल 5ीसदी बढ़कर 45.अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसी अवधि के दौरान मशीनरी आयात 28.2 फीसदी बढ़कर 84.3अरब डॉलर पर पहुंच गया है।