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उलझता जा रहा 36 करोड़ी टेंडर

रोड़ी नामकुम आरओबी टेंडर का पेंच उलझता जा रहा है। टेंडर फाइनल करने के लिए एनएच के चीफ इंजीनियर तथा रांची डिवीजन के कार्यपालक अभियंता बेचैन हैं। इधर विभागीय टेंडर कमेटी ने फाइल आगे बढ़ा दी है। कमेटी...

 उलझता जा रहा 36 करोड़ी टेंडर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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रोड़ी नामकुम आरओबी टेंडर का पेंच उलझता जा रहा है। टेंडर फाइनल करने के लिए एनएच के चीफ इंजीनियर तथा रांची डिवीजन के कार्यपालक अभियंता बेचैन हैं। इधर विभागीय टेंडर कमेटी ने फाइल आगे बढ़ा दी है। कमेटी ने इस मामले में उच्च स्तरीय निर्णय प्राप्त करने की अनुशंसा की है। टेंडर कमेटी 45 प्रतिशत अधिक रट पर टेंडर फाइनल करने में असमर्थता जता रही है। एनएच के दोनों इंजीनियरों को विभाग ने गड़बड़ी करने के लिए पहले ही नोटिस भेजा है। जवाब पर फिलहाल कार्रवाई नहीं की गयी। टेंडर फाइनल हो, इंजीनियर इसके लिए हर उपाय (?) करने में जुटे हैं। विधानसभा में भी यह मामला उठा, लेकिन इइ के कारनामे पर परदे डाले जा रहे हैं। आरओबी टेंडर में मोदी कंसट्रक् शन ने 45 प्रतिशत अधिक रट कोट किया था। 22 करोड़ की इस टेंडर की लागत 36 करोड़ हो गयी है। वैसे रिवाइज इस्टीमेट पर केंद्र ने स्वीकृति दे दी है। दिलचस्प यह कि विभागीय टेंडर कमेटी में एनएच के चीफ इंजीनियर भी सदस्य हैं। 27 अगस्त को उन्होंने इइ को निर्देश दिया था कि संबंधित संवेदक को स्वीकृति पत्र दिया जाये तथा एकरारनामा का काम पूरा किया जाये। दूसरी तरफ टेंडर कमेटी की उस सहमति पर भी साथ होते हैं, जिसमें कहा गया है कि उच्च स्तरीय स्वीकृति प्राप्त किया जाना चाहिए। इधर टेंडर कमेटी अपने अधिकार से बाहर अनुशंसा करने की गलती नहीं करना चाहती, उधर रांची एनएच का कमाल यह कि मोदी कंसट्रक् शन को एकरारनामा के लिए पत्र भी लिखा है। इइ ने पहले भी कैबिनेट के फैसले के इतर 22 करोड़ का टेंडर खोल दिया था। अब विभागीय सचिव ने इंजीनियर इन चीफ से पूर मामले पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। इंजीनियर इन चीफ का कहना है कि टेंडर कमेटी पूरी तरह परख कर ही कदम उठा रही है।

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