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जानिए कैसे बचेगी UPA सरकार, सपा-बसपा जारी रखेंगे समर्थन

ममता बनर्जी ने समर्थन वापस लेकर यूपीए-2 सरकार को अल्पमत में ला दिया है। तृणमूल कांग्रेस के अलग होने से यूपीए-2 सरकार बहुमत के लिए जरूरी 272 के आंकड़े से नीचे आ गई है। अब सरकार को उम्मीद है कि ममता...

जानिए कैसे बचेगी UPA सरकार, सपा-बसपा जारी रखेंगे समर्थन
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Sep 2012 12:21 PM
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ममता बनर्जी ने समर्थन वापस लेकर यूपीए-2 सरकार को अल्पमत में ला दिया है। तृणमूल कांग्रेस के अलग होने से यूपीए-2 सरकार बहुमत के लिए जरूरी 272 के आंकड़े से नीचे आ गई है।

अब सरकार को उम्मीद है कि ममता के जाने के बाद 22 सांसदों वाली समाजवादी पार्टी और 21 सांसदों वाली बहुजन समाज पार्टी का समर्थन उसे जारी रहेगा।

समाजवादी पार्टी ने संकेत भी दे दिया है कि वह ममता के फैसले के साथ कोई कदम नहीं उठाने जा रही है। इस तरह सरकार को तत्काल खतरा नहीं है, लेकिन इससे राजनीतिक उठापटक जरूर तेज हो गई है।

सरकार को बहुमत के लिए चाहिए : 272

सरकार में शामिल:
कांग्रेस- 207,
टीएमसी-19,
डीएमके- 18,
एनसीपी-9,
नैशनल कॉन्फ्रेंस- 3,
आरएलडी- 5,
मुस्लिम लीग केरल स्टेट कमिटी-2,
एआईएमआईएम-1,
केरल कांग्रेस- 1,
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट-1,
वीसीके-1,
एआईयूडीएफ-1

टोटल- 268

बाहर से समर्थन:
एसपी-22,
बीएसपी-21,
आरजेडी- 4

टोटल- 315

टीएमसी के हटने पर यूपीए: 296

टीएमसी के समर्थन वापसी से सन्न यूपीए-2 सरकार के लिए चिंता उस वक्त और बढ़ गई, जब डीएमके 20 सितंबर को रीटेल में एफडीआई के विरोध में होने वाले भारत बंद के समर्थन में आ गई। ऐसे में अल्पमत में आ चुकी सरकार को बाकी सहयोगी पार्टियों को कुनबे में समेट कर रखना चुनौती होगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मंगलवार को घोषणा की कि उनके मंत्री शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी संप्रग से समर्थन वापस लेगी।

हालांकि ममता की इस घोषणा के बाद कांग्रेस ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस उसकी अहम सहयोगी है और अंतिम निर्णय तक वह हमारी सहयोगी बनी रहेगी।

ममता ने समर्थन वापसी का फैसला कोलकाता में पार्टी के सांसदों एवं मंत्रियों की बैठक में विचार के बाद किया और उन्होंने केंद्र सरकार पर कई आरोप भी लगाए। ममता का कहना है कि इस सरकार ने कई बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए।

बार-बार हमने ऐसा न करने का अनुरोध किया लेकिन हमारी एक न सुनी गई। हमारी बातों को नजरअंदाज किया गया। सरकार के फैसलों से आम आदमी परेशान है।

ममता ने केंद्र सरकार पर खुलकर आरोप लगाया कि कोयला ब्लॉक आवंटन से देश का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने एफडीआई और मूल्य वृद्धि का फैसला किया।

ममता ने यह भी कहा कि आज कड़ा फैसला नहीं लिया गया तो कल ये सरकार पेंशन विधेयक लेकर आएगी और आपका सारा पेंशन ले लेंगे। इसी तरह दाम बढ़ाए जाते रहेंगे।

ममता ने डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि और बहुब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को 72 घंटे की मोहलत दी थी, लेकिन केंद्र सरकार के रुख में कोई बदलाव न आने पर उन्होंने यह फैसला किया।

उधर, संप्रग सरकार की दूसरी सबसे बड़ी घटक तृणमूल के समर्थन वापस लेने के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि तृणमूल उसकी बहुमूल्य सहयोगी है और अंतिम परिणाम सामने आने तक वह उसे अपनी घटक मानती रहेगी।

कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि जब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता तब तक हम तृणमूल कांग्रेस को अपना बहुमूल्य सहयोगी मानते रहेंगे। वैसे आज कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक के बाद तय होगा यूपीए सरकार इन मुश्किल हालातों में क्या रणनीति बनाएगी।

उन्होंने कहा कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिन पर सरकार के साथ विचार-विमर्श होगा। द्विवेदी ने जोर देते हुए कहा कि इन मुद्दों पर सरकार के साथ सचमुच बातचीत होगी।

उधर, सपा का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग का तौर तरीका ठीक नहीं है और पार्टी आगे का निर्णय 20 सितम्बर के बाद लेगी। सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह सही नहीं है। इसलिए ममता ने समर्थन वापस लिया।

यादव ने कहा कि कांग्रेस इस तरह काम कर रही है जैसे कि उसे दो तिहाई बहुमत प्राप्त है। उन्होंने कहा कि सपा अपना निर्णय 20 सितम्बर को आयोजित देशव्यापी बंद के बाद पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में लेगी।

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