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बैंकों में जमा धन सुरक्षित : चिदंबरम

वित्तमंत्री चिदंबरम ने बैंकों में जमा धन के पूरी तरह सुरक्षित होने का भरोसा दिया है। शनिवार को उन्होंने यहां कहा कि हमार बैंकों का विनियम बेहतरीन है और हमार पास धन की कमी नहीं है। इस बीच, रिार्व बैंक...

 बैंकों में जमा धन सुरक्षित : चिदंबरम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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वित्तमंत्री चिदंबरम ने बैंकों में जमा धन के पूरी तरह सुरक्षित होने का भरोसा दिया है। शनिवार को उन्होंने यहां कहा कि हमार बैंकों का विनियम बेहतरीन है और हमार पास धन की कमी नहीं है। इस बीच, रिार्व बैंक गर्वनर डॉ. डी. सुब्बाराव ने भी कहा है कि अमेरिकी बैंकों की तरह घरलू वित्तीय तंत्र को कोई खतरा नहीं है। इसलिए अपना धन जमा करने वालों को घबराने की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि घरलू अर्थव्यवस्था के आधार मजबूत हैं। वैश्विक आर्थिक संकट का अप्रत्यक्ष प्रभाव जरूर घरलू बैंकिंग तंत्र पर पड़ रहा है और देशी बैंकों की विदेशी शाखाओं ने अपने धन का छोटा हिस्सा ऐसी जगह निवेश कर रखा है जो जोखिम क्षेत्र में हैं। लेकिन यह धन बहुत थोड़ा होने की वजह से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इधर देश के एक महत्वपूर्ण बैंक आईसीआईसीआई ने खुद ही एसएमएस के जरिए अपने ग्राहकों को अफवाहों पर कान न देने की सलाह दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी इक्िवटी 51 फीसदी से अधिक है। विदेशी बैंक भी अपने कस्टमर केयर सेंटर के जरिये ग्राहकों से चर्चा कर भरोसा पैदा कर रहे हैं। सिटी बैंक के प्रवक्ता के मुताबिक उन्होंने अपनी ओर से एसएमएस के जरिए धन जमा करने वालों और अन्य ग्राहकों को कोई सूचा नहीं भेजी है लेकिन उनकी चिंताओं का निराकरण करने को विशेष अहमियत देने का निर्देश जरूर दिया है। विश्व की सात सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (ाी-7) के वित्तमंत्रियों ने संकल्प किया है कि वे मौजूदा एतिहासिक वित्तीय संकट का मुकाबला मिलजुलकर करंगे। इसके साथ ही इंटरनेशनल मोनीटरी फंड और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक शनिवार को शुरू हुई जो अपने स्तर पर उपाय देगा। अमेरिकी वित्तमंत्री हेनरी पोल्सन ने भी उम्मीद जताई है कि उभरती अर्थव्यवस्था वाले 20 देशों की बैठक भी उन पांच कदमों को उठाने का फैसला करगी, जो जी-7 ने उठाये हैं। ये पांच कदम हैं, धन की उपलब्धता बढ़ाना, निवेशकों को बचाना, विनियमन मजबूत करना, मैक्रो इकनॉमिक समाधान तैयार करना और पूंजी को मजबूती प्रदान करना। उधर, जहां एक ओर विश्व बैंक प्रमुख राबर्ट जोएलिक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट झेलने में पूरी तरह से सक्षम घोषित किया है, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी की भविष्यवाणी कर भारत सरकार को खासी राहत दी है।

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