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धमाकों से दहल गया इराक, 100 की मौत

इराक के भगोडे़ पूर्व उपराष्ट्रपति तारिक अल हाशमी को मौत की सजा सुनाए जाने के चंद घंटों के भीतर ही राजधानी बगदाद के इर्द-गिर्द हुए छह कार बम विस्फोटों में 100 से अधिक लोग मारे गए। इराकी अधिकारियों ने...

धमाकों से दहल गया इराक, 100 की मौत
एजेंसीMon, 10 Sep 2012 02:59 PM
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इराक के भगोडे़ पूर्व उपराष्ट्रपति तारिक अल हाशमी को मौत की सजा सुनाए जाने के चंद घंटों के भीतर ही राजधानी बगदाद के इर्द-गिर्द हुए छह कार बम विस्फोटों में 100 से अधिक लोग मारे गए।

इराकी अधिकारियों ने बताया कि बगदाद के आसपास के जिलों में एक के बाद एक कई कार बम विस्फोट हुए। सबसे गंभीर हमला अमारा कस्बे में हुआ, जहां एक शिया धार्मिक स्थल के पास हुए दो कार बम विस्फोटों में कम से कम 24 लोग मारे गए।

इसी तरह दक्षिणी कस्बे नसीरिया में भी फ्रांसीसी वाणिज्य दूतावास के बाहर हुए हमले में 58 लोग मारे गए। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में एक दिन में लोगों के मारे जाने का यह इस साल का पहला मामला है।

इससे इराक में एक बार फिर शिया-सुन्नी समुदायों के बीच संघर्ष छिड़ने की आशंका बढ़ गई है। इससे पहले इराक की एक अदालत ने महिला वकील और एक सुरक्षा अधिकारी की हत्या के आरोप में सुन्नी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हाशमी और उनके दामाद को दोषी पाने के बाद मौत की सजा सुनाई।

हालांकि हाशमी के समर्थकों ने इसे राजनीति से प्रेरित फैसला बताया है। शिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री नूरी अल मिलकी के कटु आलोचक हाशमी गत दिसंबर में ही देश छोड़कर चले गए थे जब उनके खिलाफ इस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। उनका कहना है कि अदालत उनके खिलाफ पूर्वाग्रह से प्रेरित है लिहाजा कानूनी कार्यवाही में सहयोग करने का कोई मतलब नहीं है।

विश्लेषकों का कहना है कि हाशमी को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद इराक में विभिन्न समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति एक बार फिर बन सकती है। सद्दाम हुसैन के पतन के बाद भी इराक में शिया और सुन्नी समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था, लेकिन बाद में वे शांति के लिए सहमत हो गए थे।

 

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