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वार्षिक सम्मेलन में उठेंगे उत्पीड़न के मुद्दे

सूबे में महिलाओं की स्थिति आज भी बहुत खराब है। समाज की मुख्य धारा में अभी भी ये बराबरी की हिस्सेदार नहीं बन सकी हैं। चार करोड़ की इनकी आबादी है पर उनके खिलाफ सामाजिक व यौन उत्पीड़न की घटनाओं में कोई...

 वार्षिक सम्मेलन में उठेंगे उत्पीड़न के मुद्दे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सूबे में महिलाओं की स्थिति आज भी बहुत खराब है। समाज की मुख्य धारा में अभी भी ये बराबरी की हिस्सेदार नहीं बन सकी हैं। चार करोड़ की इनकी आबादी है पर उनके खिलाफ सामाजिक व यौन उत्पीड़न की घटनाओं में कोई कमी नहीं आयी है। सामाजिक उत्पीड़न का कानून आज भी सरकार लागू नहीं करवा सकी है। पंचायतों व निकायों में आरक्षण मिला है पर उन्हें उनका वाजिब हक नहीं मिला है। शोषित-पीड़ित व कमजोर वर्ग की महिलाओं की समस्याओं साहित कई मुद्दे बिहार महिला समाज के मंगलवार को होने वाले आठवें वार्षिक सम्मेलन में छाए रहेंगे। तीन महिलाओं द्वारा चालीस साल पूर्व गठित बिहार महिला समाज से आज पचास हजार महिलाएं जुड़ी हैं। समाज ने महिला आरक्षण विधेयक पर मुखर होते हुए कहा कि उन्हें जाति व धर्म पर बांटने की साजिश चल रही है जिसका विरोध किया जाएगा।ड्ढr ड्ढr संगठन की महासचिव सुशीला सहाय, मुख्य संरक्षक उर्मिला प्रसाद, अध्यक्ष प्रभा शर्मा , जिला संयोजिका डा.शरद कुमारी व सचिव सुभाषिणी शर्मा ने सोमवार को एक प्रस कांफ्रंस में यह जानकारी दी। इस मौके पर उपाध्यक्ष रमा चटर्जी व अनिता मिश्रा भी मौजूद थीं।ड्ढr ड्ढr उनके अनुसार सम्मेलन के पूर्व दोपहर गांधी मैदान से सूबेभर से जुटीं महिलाओं की रैली निकलेगी। इसकी अगुआई भारतीय महिला फेडरशन की महामंत्री ऐनी राजा व उपाध्यक्ष अमरजीत कौर करेंगी। रैली मिलर स्कूल मैदान पहुंचकर आमसभा में तब्दील हो जाएगी। फिर शाम में केदार भवन स्थित कमलासो नगर में वार्षिक सम्मेलन शुरू होगा। रैली में बाल दीदी, संकुल संयोजिका, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता भी शरीक होंगी। उनके अनुसार पूर्व में भारतीय महिला फेडरशन व बिहार महिला समाज का वार्षिक सम्मेलन 15 से 17 अक्तूबर तक होना था पर बाढ़ के चलते से स्थगित कर दिया गया। अब फेडरशन का राष्ट्रीय सम्मेलन 26 से 2नवंबर को रवीन्द्र भवन में होगा।

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