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राहुल अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे: मनमोहन

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को आशा जाहिर की कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सरकार में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे। तेहरान की चार दिवसीय यात्रा के बाद स्वदेश लौटते समय रास्ते में अपने विशेष...

राहुल अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे: मनमोहन
एजेंसीFri, 31 Aug 2012 09:06 PM
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को आशा जाहिर की कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सरकार में अधिक सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

तेहरान की चार दिवसीय यात्रा के बाद स्वदेश लौटते समय रास्ते में अपने विशेष विमान में मनमोहन ने कहा कि मेरा हमेशा से यह विचार रहा है कि राहुल गांधी को कोई अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। मैंने कई बार उन्हें मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया.. मैं आशा करता हूं कि इस बार वह इस पर बहुत गम्भीरता से विचार करेंगे।

लेकिन मनमोहन ने यह भी कहा कि राहुल की योजना के बारे में उन्हें कोई अंदरूनी जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री ने कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर भाजपा द्वारा की जा रही इस्तीफे की मांग खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि वह आरोप-प्रत्यारोप में पड़ने के बदले चुप रहना बेहतर समझते हैं। उन्होंने इसके साथ ही विपक्ष पर ध्यान भटकाने की युक्तियां अपनाने का आरोप भी लगाया।

प्रधानमंत्री ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेकर तेहरान से लौटते समय रास्ते में अपने विशेष विमान में संवाददाताओं के साथ बातचीत में देश की अर्थव्यवस्था और असम हिंसा जैसे मुद्दों पर भी बात की।
 
मनमोहन ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि विपक्ष समझेगा। मैं आशा करता हूं कि भाजपा जनता के फैसले का सम्मान करेगी और सरकार को कामकाज करने देगी। जनता ने इस सरकार को पांच साल के लिए चुना है। मैं आशा करता हूं कि भाजपा इस फैसले का सम्मान करेगी और संसद को चलने देगी। यदि वे इसे अपने तरीके से चलाना चाहेंगे तो यह लोकतंत्र को नकारना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को हमें उस तरीके से काम करने का एक मौका देना चाहिए, जिस तरीके से देश की बुनियादी समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं। मनमोहन ने कहा कि हमें जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करने दें और शक्ति परीक्षण के लिए अगले चुनाव तक इंतजार करें। हम लोकतंत्र का लगातार मजाक नहीं बना सकते।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आरोप-प्रत्यारोप में पड़ने के बदले चुप रहना बेहतर समझते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों के साथ आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेल सकता। जैसा कि मैं पहले कह चुका हूं कि इससे अच्छा है कि मैं चुप रहूं।

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि घरेलू राजनीति में सामंजस्य का अभाव देश के आर्थिक रूप से आगे न बढ़ पाने का एक कारण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ प्रतिशत विकास दर की बुनियाद रखी गई है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रखा है। उन्होंने कहा कि घरेलू राजनीति में सामंजस्य का अभाव इसका एक अन्य कारण है।

मनमोहन सिंह ने असम की साम्प्रादायिक हिंसा पर भी चिंता जाहिर की। इस हिंसा में अबतक 80 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में साम्प्रदायिक तनाव एवं अशांति निश्चित तौर पर चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि बेंगलुरू, पुणे, मुम्बई सहित दक्षिण भारत के शहरों से पूर्वोत्तर के लोगों का बड़ी संख्या में पलायन 'अच्छा नहीं' है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश में सद्भावना कायम करने के लिए काम करेगी।

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