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सोने से एक कदम दूर सुशील, सिल्वर पक्का

भारत के करिश्माई पहलवान सुशील कुमार ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में कजाखस्तान के अकझुरेक तानातारोव को रविवार को तीन राउंड में पराजित कर ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिता के 66 किग्रा वर्ग के फाइनल...

सोने से एक कदम दूर सुशील, सिल्वर पक्का
एजेंसीSun, 12 Aug 2012 06:40 PM
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भारत के करिश्माई पहलवान सुशील कुमार ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में कजाखस्तान के अकझुरेक तानातारोव को रविवार को तीन राउंड में पराजित कर ओलंपिक कुश्ती प्रतियोगिता के 66 किग्रा वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर लिया जिससे अब वह देश को इन खेलों का पहला स्वर्ण दिलाने से सिर्फ एक कदम दूर रह गए हैं।

महाबली सतपाल के शिष्य, बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और विश्व चैपियन रह चुके सुशील ने कजाख पहलवान की कड़ी चुनौती को तीन राउंड में जमींदोज कर दिया। मुकाबला इतना संघर्षपूर्ण था कि तीसरा राउंड खत्म होने के बाद कजाख पहलवान के कान के पास से खून निकल रहा था।

सुशील ने सेमीफाइनल का पहला राउंड 3-0 से जीता लेकिन अगले राउंड में कजाख पहलवान ने वापसी करते हुए 3-0 से जीत हासिल की। निर्णायक राउंड सुशील ने चीते जैसी फुर्ती दिखाई और कजाख पहलवान को धर दबोचते हुए यह राउंड में 6-3 से जीतकर भारतीय समर्थकों को जश्न में डुबो दिया।

सुशील ने तानातारोव के खिलाफ सेमीफाइनल के पहले राउंड में ईरानी दाव लगाते हुए दो अंक बटोरे। कजाख पहलवान ने भारतीय पहलवान की उंगलियों को विपरीत दिशा मे मोड़ने की कोशिश में पेनाल्टी खाई और एक अंक गंवा बैठे। सुशील ने यह राउंड 3-0 से जीत लिया।

दूसरे राउंड में कजाख पहलवान ने बेहतर रणनीति के साथ सुशील पर दाव लगाया और पहले एक और फिर दो अंक लेकर यह राउंड 3-0 से जीत लिया। निर्णायक राउंड में 45 सेकंड पहुंचने तक कजाख पहलवान ने 3-0 की बढ़त बना ली थी। सुशील के पास अब आक्रामक अंदाज में खेलने के सिवा कोई चारा नहीं था। उन्हें न केवल यह बढ़त खत्म करनी थी बल्कि विजयी अंक भी हासिल करने थे।

सुशील इस समय भूखे शेर की तरह दिखाई दे रहे थे। उन्होंने अपना सारा अनुभव झोंकते हुए तानातारोव को अपने दांव के लपेटे में लिया और तीन अंक बटोरकर बराबरी कर ली। इसके बाद तो सुशील कजाख पहलवान पर हावी होते चले गए। एक के बाद एक तीन अंक लेकर सुशील ने यह राउंड जैसे ही 6-3 से समाप्त किया पूरा स्टेडियम इंडिया इंडिया के नारों से गूंज उठा।

सुशील के गुरु महाबली सतपाल, उनके अखाड़े छत्रसाल स्टेडियम के कोच यशवीर सिंह और रामफल, सुशील की पत्नी सवि, भारतीय कुश्ती दल के प्रमुख राजसिंह और प्रमुख कोच विनोद कुमार खुशी से झूम उठे। सुशील ने दर्शकों के बीच पहुंचकर अपनी पत्नी को गले लगाया और गुरु से आशीर्वाद लिया।

सतपाल के लिए यह बहुत बड़ा दिन था। उनके एक शिष्य योगेश्वर दत्त ने कल देश को कांस्य पदक दिलाया था और अब दूसरे शिष्य सुशील ने स्वर्ण पदक के मुकाबले में प्रवेश कर देश के लिए ओलंपिक में छठा पदक पक्का कर दिया।
 
इससे पहले सुशील ने उजबेकिस्तान के नवरुजोव इखतियोर को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। सुशील को पहले राउंड में बाई मिली थी और उन्होंने प्री क्वार्टर फाइनल में तुर्की के रमाजान साहीन को तीन राउंड में पराजित किया था। क्वार्टर फाइनल में सुशील के सामने उजबेकिस्तान का पहलवान था। सुशील ने इस पहलवान की भी चुनौती तीन राउंड में तोड़ दी।

सुशील को उजबेकिस्तानी पहलवान ने कड़ी चुनौती दी। हालांकि पहले राउंड में सुशील के हाथ में थोड़ी चोट लग गई थी और तुरंत ही उनके हाथ पर दवाई भी लगाई गई लेकिन उन्होंने इस चोट का खुद पर कोई असर नहीं होने दिया और पहला राउंड जीत लिया।

इस राउंड में उजबेकी पहलवान ने पहले अंक जुटाया लेकिन सुशील ने फिर एक अंक लेकर बराबरी कर ली। सुशील के अंक पर उजबेकिस्तान ने चैलेंज मांगा लेकिन जूरी ने रेफरी के फैसले को बरकरार रखने के साथ-साथ भारतीय पहलवान को एक और अंक दे दिया। सुशील यह राउंड 3-1 से जीत गए।

दूसरे राउंड में सुशील ने उजबेकी पहलवान को हवा में उठाकर गिराते हुए पहले अंक बटोरा। इस राउंड में छह सेकंड शेष रह गए थे कि तभी उजबेकी पहलवान ने अंक लिया और दूसरा राउंड जीत लिया। तीसरे राउंड में सुशील ने फिर उजबेकी पहलवान को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने शानदार दाव लगाते हुए एक के बाद एक अंक बटोरे और 2-0 से यह राउंड जीत लिया।

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