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2014 में गैर भाजपा, गैर कांग्रेसी पीएम संभव: आडवाणी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को यह स्वीकार कर अपनी ही पार्टी को आश्चर्य में डाल दिया है कि 2014 के आम चुनाव में कोई गैर भाजपा व गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री सामने...

2014 में गैर भाजपा, गैर कांग्रेसी पीएम संभव: आडवाणी
एजेंसीSun, 05 Aug 2012 05:00 PM
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को यह स्वीकार कर अपनी ही पार्टी को आश्चर्य में डाल दिया है कि 2014 के आम चुनाव में कोई गैर भाजपा व गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री सामने आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या घटकर 100 से भी नीचे आ जाएगी।

हालांकि आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर जारी किए इस अनुमान के संशोधन में कहा है कि जिस तरह के गठजोड़ अतीत में सामने आए थे, वे लंबे समय तक नहीं चल पाए। आडवाणी लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस के भविष्य का अनुमान लगा रहे थे। चुनाव 2014 में होने वाला है।

भाजपा की वेबसाइट पर यहां जारी ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कि यह संभव है कि कोई गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई प्रधानमंत्री सरकार की अगुवाई करे और दोनों प्रमुख दलों में से एक दल उसका समर्थन करे। ऐसा अतीत में भी हो चुका है।

आडवाणी ने यह भी कहा है कि भविष्य वेत्ता अनुमान व्यक्त कर रहे हैं कि यह पहला ऐसा चुनाव हो सकता है, जब लोकसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या मात्र दो अंकों में सिमट जाएगी, जोकि 100 से भी कम होगी।

भाजपा नेता ने कहा कि लेकिन जिस तरह से चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, देवेगौड़ा और इंद्र कुमारजी गुजराल (सभी कांग्रेस समर्थित) और विश्वनाथ प्रताप सिंह (भाजपा समर्थित) के प्रधानमंत्रित्व से देखने को मिला है, इस तरह की सरकारें ज्यादा नहीं चल पाईं।

आडवाणी ने यह बात प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा हाल ही में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के सम्मान में हैदराबाद हाऊस में दिए गए रात्रि भोज के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दो मंत्रियों के साथ हुई अनौपचारिक चर्चाओं का जिक्र करने के बाद कही है।

भाजपा नेता ने कहा कि दोनों मंत्रियों के मन टटोलने के बाद उन्होंने उनके भीतर व्याप्त गंभीर चिंता महसूस की। उनकी चिंता इस बात को लेकर थी कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा या कांग्रेस ऐसा गठबंधन नहीं बना पाएगी, जो स्पष्ट बहुमत हासिल कर सके। इसके बदले केंद्र में एक तीसरे मोर्चे की सरकार हो सकती है, जो कि न केवल भारतीय राजनीति के लिए नुकसानदायक होगी, बल्कि राष्ट्रीय हितों के लिए भी।

आडवाणी हालांकि कांग्रेस के मंत्रियों के इस आकलन से सहमत नहीं थे। उन्होंने ब्लॉग में कहा है कि इन कांग्रेसी मंत्रियों द्वारा जाहिर की गई चिंताओं पर मेरी प्रतिक्रिया यह थी कि मैं आपकी चिंता समझ सकता हूं, लेकिन मैं इससे सहमत नहीं हूं।

आडवाणी ने कहा कि तीसरे मोर्चे की सरकार की बात खारिज की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अतीत में केंद्र में वही सरकार स्थिर रही है, जिसका प्रधानमंत्री या तो कांग्रेसी या भाजपा का रहा है।

आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस का तेजी से हो रहा पतन, भाजपा को लाभ पहुंचाएगा, जिसने कर्नाटक को छोड़कर बाकी पूरे देश में अच्छा शासन पेश किया है। साथ ही उन्होंने सीबीआई को केंद्र की संप्रग सरकार का सबसे भरोसेमंद गठबंधन साझेदार भी बताया। उन्होंने कहा कि इस केंद्रीय एजेंसी के कारण ही कांग्रेस सफलतापूर्वक अब तक लोकसभा चुनाव टालती आई है और अपने मुश्किल सहयोगियों को संभाल पाई है।

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