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आतंकियों की नाकामी या रेकी, क्या है पुणे सीरियल ब्लास्ट की सच्चाई!

देश के नए गृह मंत्री को पदभार संभाले अभी 12 घंटे भी नहीं बीते थे, कि उन्हीं के गृह राज्य में एक के बाद एक चार धमाके होने की खबर आ गई। पुणे में हुए सिलसिलेवार धमाकों को केंद्र सरकार ने अभी तक आतंकी...

आतंकियों की नाकामी या रेकी, क्या है पुणे सीरियल ब्लास्ट की सच्चाई!
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 02 Aug 2012 03:01 PM
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देश के नए गृह मंत्री को पदभार संभाले अभी 12 घंटे भी नहीं बीते थे, कि उन्हीं के गृह राज्य में एक के बाद एक चार धमाके होने की खबर आ गई। पुणे में हुए सिलसिलेवार धमाकों को केंद्र सरकार ने अभी तक आतंकी हमला या धमाका नहीं कहा है।

हालांकि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इसे आतंकी वारदात बताया है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर किस मकसद से इस हमले को अंजाम दिया गया? बड़ी बात यह है कि एक के बाद एक चार धमाके में घायल सिर्फ एक ही शख्स हुआ।

गृहमंत्री का राज्य महाराष्ट्र बुधवार शाम अचानक सीरियल धमाकों से दहल गया। मालूम हो कि गृहमंत्री को पुणे एक कार्यक्रम में शिरकत करने भी जाना था, लेकिन एन मौके पर उन्हें इसे स्थगित करना पड़ा। इसे देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं यह धमाके नए गृहमंत्री को एक सीधी चुनौती तो नहीं?

आखिर क्या वजह रही जो गृहमंत्री के पदभार संभालने के दिन उनके ही गृहराज्य में एक के बाद एक धमाके हुए? और तो और इसे इस तरह से अंजाम दिया गया जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान न होने पाए।

पहला धमाका- शाम 7.05 बजे, बालगंधर्व ऑडिटोरियम।
दूसरा धमाका- शाम 7.09, मैकडॉनल्ड के सामने डस्टबिन में।
तीसरा धमाका- शाम 7.13, देना बैंक।
चौथा धमाका- शाम 7.22 बजे, फूड कलेक्शन ज्वाइंट के पास।

जानकार मानते हैं कि हल्की तीव्रता के यह धमाके अपनी मौजूदगी का एहसास कराने के लिए किए गए। क्या यह आतंक के खिलाफ हमारी लडा़ई को करारा तमाचा नहीं? रणनीति बचाव की नहीं प्रहार की होनी चाहिए, यदि यह एक आंतकी हमला है तो देश को इसका जवाब देना होगा।

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने ब्लास्ट के बाद कहा कि पुणे में चार विस्फोट हुए हैं। उनके अनुसार इनमें से एक ब्लास्ट में एक आदमी घायल हो गया है जिसे अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

शिंदे ने बताया कि एनआईए की टीम पुणे के लिए रवाना हो चुकी है। शिंदे ने बताया कि जांच के बाद ही मामले के बारे में विस्तार से बताया जा सकेगा। केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने ब्लास्ट में आतंकी तत्वों के हाथ होने की आशंका से इंकार नहीं किया है।

विस्फोटों में एक देना बैंक के एटीएम के बाहर और दूसरा मैकडॉनाल्ड के सामने हुआ। फिलहाल घायलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। माना जा रहा है कि कम इंटेंसिटी के ये विस्फोट आतंक अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए किए हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को देश के नये गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे का पुणे दौरा होने वाला था। महाराष्ट्र शिंदे का गृह राज्य भी है। शिंदे के आज के दौरे के मद्देनजर इन विस्फोटों के पीछे के मकसद को कई तरह से देखा जा रहा है।

इधर, पुणे के कमिश्नर ने कहा है कि विस्फोटों में आतंकियों के हाथ नहीं थे। पुलिस के अनुसार विस्फोटों में पेंसिल बमों का इस्तेमाल किया गया।

कमिश्नर ने चार विस्फोटों की पुष्टि की है। एक जिंदा बम मिलने की भी खबर है। इससे पहले कहा जा रहा था कि शहर में पांच या फिर छह विस्फोट हुए हैं।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने गुरुवार को कहा कि जांच एजेंसियां यह पता लगाने के लिए हर पहलू से जांच कर रही हैं, कि क्या बीती रात शहर में हुए कम तीव्रता के बम विस्फोटों के पीछे किसी आतंकवादी संगठन का हाथ था।
   
पाटिल ने जे एम रोड पर चारों विस्फोट स्थलों का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते, शहर की अपराध शाखा और केंद्रीय एजेंसियों की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या यह आतंकी कार्रवाई थी या नहीं ।
   
पुणे में बीती रात व्यस्ततम जे एम रोड पर कम तीव्रता के चार बम विस्फोट हुए। ये विस्फोट बालगंधर्व थिएटर, देना बैंक की शाखा, मैक्डोनल्ड के रेस्तरां और गरवारे ब्रिज के समीप हुए।
   
यह पूछे जाने पर कि क्या विस्फोट के पीछे भगवा आतंकवाद है, उन्होंने कहा सभी पहलुओं की जांच की जा रही है और अभी कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।
   
उन्होंने कहा कि बालगंधर्व थिएटर के समीप हुए विस्फोट में घायल व्यक्ति दयानंद पाटिल का इलाज किया जा रहा है। उसे मामूली चोटें आई हैं।
   
बताया जाता है कि समीपवर्ती उरूली कंचन गांव का रहने वाला पाटिल बालगंधर्व थिएटर के पास उस जगह पर गया था, जहां इंडिया अगेन्स्ट करप्शन (आईएसी) का धरना चल रहा था। पाटिल की हालत में सुधार बताया जाता है।
   
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि पाटिल जैसे ही धरना स्थल से आगे गया, वैसे ही विस्फोट हो गया। प्रतीत होता है कि विस्फोटक उसके थैले में रखा था। अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि छोटे डिटोनेटरों और पेन्सिल सेल की मदद से किए गए इस विस्फोट के लिए अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया होगा।

केंद्र सरकार ने पुणे में बुधवार को हुए सिलसिलेवार धमाकों को सुनियोजित और समन्वित कार्रवाई करार दिया है। केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञ दो आईईडी और चार धमाकों की प्रकृति के बारे में जांच कर रहे हैं।
   
सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि विस्फोट 500 मीटर के क्षेत्र में और 45 मिनट के भीतर हुए हैं। इससे ऐसा लगता है कि यह समन्वित कार्रवाई है। मेरा मानना है कि यह सुनियोजित ढंग से किया गया।

पुणे में बुधवार को हुए सीरियल बम विस्फोट के बाद देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। यह अलर्ट 15 अगस्त के मद्देनजर भी किया गया है। विस्फोट में आतंकी साजिश की बात से इंकार नहीं किया गया है। इस बीच दिल्ली और मुंबई से एनआईए की टीमें जांच के लिए पुणे पहुंच गईं हैं।

पुणे में हुए चार सिलसिलेवार धमाकों के बाद जांच एजेंसियां अपने काम में लग चुकी है लेकिन बारह घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अब तक धमाके को लेकर कोई सुराग नहीं मिला है।

अब तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि ये धमाका दरअसल आतंकी है या नहीं? बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियों ने इलाके के तीन सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देख चुकी है लेकिन विस्फोटक रखने वालों से जुड़ी कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई है।

बम विस्फोट के बाद राजधानी दिल्ली में जगह जगह सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ आज रात सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी। यहां जगह-जगह सड़कों पर बैरीकेड लगा दिए गए और वाहनों की जांच की गयी। वहीं संसद और दूसरे महत्वपूर्ण इमारतों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने टीम अन्ना के आंदोलन स्थल जंतर मंतर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी। आंदोलन स्थल पर एक बम निरोधक दस्ते ने तलाशी ली।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आधिकारिक निवास के पास की सड़कों पर भी बेरीकेड लगा दिए गए। इंडिया गेट के पास भी और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

ये विस्फोट जेएम रोड पर स्थित बाल गंधर्व थियेटर, देना बैंक की शाखा, मैक्डोनाल्ड की दुकान और गरवारे पुल के पास हुए। दूसरा धमाका बाल गंधर्व ऑडिटोरियम के बाहर हुआ। इसी ऑडिटोरियम में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे जाने वाले थे।

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