फोटो गैलरी

Hindi Newsलोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल नहीं

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल नहीं

जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसी पार्टियां वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लग गई हैं, वहीं बीते पांच महीने में...

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में हलचल नहीं
एजेंसीThu, 26 Jul 2012 02:46 PM
ऐप पर पढ़ें

जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी (सपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जैसी पार्टियां वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में लग गई हैं, वहीं बीते पांच महीने में उत्तर प्रदेश में दो चुनावों में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी में कोई हलचल नहीं दिख रही है।

विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने वाली कांग्रेस को दो महीने बाद शहरी निकाय के चुनाव में मिली शिकस्त ने कार्यकर्ताओं में उदासी ला दी है। लगातार दो चुनाव में पराजय मिलने से कांग्रेसी नेता सकते में हैं। विधानसभा चुनाव में पार्टी के दिग्गजों का करिश्मा पस्त होने से बड़े नेता मुंह छिपा रहे हैं। चुनाव अभियान की कमान सम्भालने वाले और कांग्रेस की नैया के खेवनहार राहुल गांधी इस समय उत्तर प्रदेश से नदारद हैं।

उधर, सपा ने तैयारियां तेज करते हुए लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 60 सीटों पर अपने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट पर प्रत्याशियों के टिकट तय किए जाएंगे। लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए पार्टी इसी महीने के आखिरी सप्ताह में लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में जिलास्तरीय नेताओं का सम्मेलन कर रही है।

वहीं, बसपा वर्ष 2०13 की शुरुआत तक लगभग सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार तय करने की तैयारी में है। पार्टी ने क्षेत्रीय समन्वयकों को उपयुक्त उम्मीदवारों के नाम देने को कहा है। राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने दलित वोट बैंक को खुश करने के लिए ही पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को हटाकर दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राम अचल राजभर को यह जिम्मेदारी सौंपी।

लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल कहे जा रहे शहरी निकाय चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज करके उत्साहित भाजपा ने भी आम चुनाव के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। पार्टी प्रदेशभर में सदस्यता अभियान चला रही है, जिसका मकसद लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा संगठन को और मजबूत करना है।

देश को सर्वाधिक 80 सांसद देकर लोकसभा चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की उदासीनता से अब ये एक बड़ा सवाल बनता जा रहा है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का क्या होगा।

पिछले लोकसभा चुनाव (2009) में उत्तर प्रदेश में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस ने इसका श्रेय पार्टी नेता राहुल गांधी के करिश्मा को दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनका करिश्मा फ्लॉप रहा और सपा के अखिलेश यादव उन पर भारी पड़े। जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी के बगैर आम चुनाव में कांग्रेस के लिए पिछला प्रदर्शन दोहरा पाना बेहद कठिन है। ऐसे में पार्टी को हाल की हार को भूलकर राहुल को एक बार फिर प्रदेश में सक्रिय करना पड़ेगा।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राम कुमार भार्गव ने आईएएनएस से कहा कि पार्टी जल्द ही लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर सकारात्मक ऊर्जा के साथ मजबूती से मैदान में उतरेगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें