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जारी रह सकती है शेयर बाजार में गिरावट

वैश्विक वित्त संकट की सुनामी के नीचे दबे देश के शेयर बाजारों में उठापटक का सिलसिला अगले सप्ताह भी जारी रहने की अधिक संभावना है। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स भारी उथलपुथल के बीच...

 जारी रह सकती है शेयर बाजार में गिरावट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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वैश्विक वित्त संकट की सुनामी के नीचे दबे देश के शेयर बाजारों में उठापटक का सिलसिला अगले सप्ताह भी जारी रहने की अधिक संभावना है। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स भारी उथलपुथल के बीच लगातार पांचवें सप्ताह टूटता हुआ 1274 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 40 अंक का गोता लगाकर तीन वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गए। वर्तमान माहौल में बाजार का रुख क्या रहेगा, इस बारे में विश्लेषक बड़ी सर्तकता बरत रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि बाजार इस स्तर पर है, उससे और नीचे जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। किंतु लंबे समय के निवेशकों के लिए बाजार में अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। यदि वह इनका संभलकर फायदा उठाएं तो आगे अच्छी आय की संभावना हो सकती है। बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिवस शुक्रवार को तो शेयर बाजारों की ऐसी स्थिति हुई, जिसका शायद किसी ने अनुमान नहीं लगाया था। रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही की ऋण एवं मौद्रिक नीति से उम्मीद लगाए बाजार के हाथ कुछ नहीं लगा और उसके बाद तो बिकवाली का ऐसा बवंडर चला कि मजबूत से मजबूत समझी जाने वाली कंपनियों के शेयरों पर भी भारी मार पड़ गई। सेंसेक्स में अंकों के लिहाज से एक दिन की दूसरी बड़ी और निफ्टी में पहली बड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष और ग्लोब कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के प्रमुख अशोक अग्रवाल का कहना है कि वर्तमान माहौल में यह अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल काम है कि शेयर बाजार कहां तक गिरेंगे। किंतु फिलहाल लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार में अवसर बढ़ते जा रहे हैं और इनका यदि संभलकर फायदा उठाया जाए तो अच्छी आय की संभावनाआें से इनकार नहीं किया जा सकता है। अग्रवाल का कहना है कि महंगाई कम हुई है, ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। किंतु वैश्विक स्थिति को देखते हुए दहशत का माहौल जरूर है। वैसे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कच्चा तेल भी पिघलकर अपनी ऊंचाई की तुलना में आधे से भी कम पर आ गया है। ड्ढr उन्होंने कहा कि निवेशकों को ऐसी कंपनियों के शेयरों में जिन पर ऋण का बोझ कम है, धन लगाने के संबंध में सोचना चाहिए। अग्रवाल के मुताबिक मौजूदा स्थिति में रियलटी कंपनियों के शेयरों में बड़ी सतर्कता के बाद ही कदम उठाने की जरूरत है। बीते सप्ताह के दौरान सेंसेक्स कुल 12.77 प्रतिशत अर्थात 1274.28 अंक के नुकसान से 8701.07 अंक रह गया। सेंसेक्स का यह स्तर नवम्बर 2008 के बाद का न्यूनतम है। एनएसई का निफ्टी 40.35 अंक अर्थात 150प्रतिशत के नुकसान से 2584 अंक रह गया। वैश्विक संकट के इस माहौल में विदेशी संस्थानों की मार भारतीय शेयर बाजारों पर भारी पड़ रही है। सेंसेक्स के अलावा अन्य सभी वर्गो के शेयर भी बिकवाली के बंवडर में उड़ गए। बीएसई मिडकैप 12.67 प्रतिशत अर्थात 44अंक के नुकसान से 30अंक रह गया। स्मॉलकैप में 3661.83 अंक पर 12.14 प्रतिशत अर्थात 506.03 अंक का नुकसान हुआ।ड्ढr इस वर्ष सेंसेक्स में 11585.अंक अर्थात 57.11 प्रतिशत का नुकसान हुआ। सेंसेक्स 31 दिसम्बर 2007 को 20286.अंक था। इस वर्ष 10 जनवरी के 21206.77 अंक से तुलना की जाएं तो इसमें 58.प्रतिशत अर्थात 12505.70 अंक निकल चुके हैं। शेयर बाजारों की स्थिति यह है कि दीवाली से पहले निकल चुके दीवाले में 350 कंपनियों के शेयर अपने अब तक न्यूनतम भाव पर आ चुके हैं। इनमें सिप्ला, रिलायंस पावर, रैनबैक्सी, हिंडाल्को, डीएलएफ, यूनीटैक, पीएफसी, सेंट्रल बैंक, पटनी कंप्यूटर और जेट एयरवेज जैसी नामी गिरामी कंपनियों के शेयर शामिल हैं।ं

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