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पीएम को पूछने का हक : देशमुख

महानगर में उत्तर भारतीयों के खिलाफ जातीय हिंसा पर लगाम कसने में असफल रहने के कारण प्रधानमंत्री से लेकर संप्रग सरकार में घटक दलों के मंत्रियों तक कि आलोचनाओं को झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री...

 पीएम को पूछने का हक : देशमुख
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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महानगर में उत्तर भारतीयों के खिलाफ जातीय हिंसा पर लगाम कसने में असफल रहने के कारण प्रधानमंत्री से लेकर संप्रग सरकार में घटक दलों के मंत्रियों तक कि आलोचनाओं को झेल रहे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने रविवार को पहली बार राज ठाकर मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी। एनडीटीवी न्यूज चैनल से भेंट में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा की गई आलोचना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को पूछने का पूरा अधिकार है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने राज ठाकर से निपटने में कुछ ज्यादा ही नरमी दिखाई है। लेकिन सपा नेता अमर सिंह द्वारा की गई इस टिप्पणी पर देशमुख काफी भड़क गए कि महाराष्ट्र में तो हालात अफ्रीका के कबिलाई शासन वाले देशों जसे हैं। उन्होंने कहा कि सपा नेता को तो हर मुद्दे पर बोलने की आदत है और हर बार उनका कहा सच हो, जरूरी नहीं। रलमंत्री और राजद नेता लालू प्रसाद की इस टिप्पणी पर कि राज्य में स्थिति सरकार के नियंत्रण में नहीं है और कानून-व्यवस्था एकदम ठप्प हो गई है, देशमुख ने कहा कि यह कुछ ज्यादा ही सख्त बयान है। अच्छा होगा कि वह जमीनी हकीकत को समझें। यह पूछने पर कि अगर उनकी राज ठाकर से बात हो तो वह उनसे क्या कहेंगे, ‘मेरी सलाह होगी कि संयम बरतें और महाराष्ट्र की संस्कृति को समझें।’ क्या वह राज से कहेंगे कि महाराष्ट्र में उनका नहीं आपका राज है, देशमुख ने कहा, ‘बिल्कुल, कुछ लोग कुछ भी ख्वाब देख सकते हैं। राज दिन में सपने देखने वालों में से हैं।’ यह पूछने पर कि क्या कभी उनके मन में इस्तीफे का विचार आया, देशमुख का जवाब था, ‘आखिर क्यों? ऐसा करने का सीधा मतलब होगा कि मैं अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहा हूं।’

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