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भाषाई हिंसा में तीन की जान गई

उत्तर भारतीयों के खिलाफ घृणा की राजनीति को लेकर सोमवार को आक्रामक और सकारात्मक दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सरकार के अतिथि गृह ‘महाराष्ट्र सदन’ में घुसकर कुछ लोगों ने...

 भाषाई हिंसा में तीन की जान गई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उत्तर भारतीयों के खिलाफ घृणा की राजनीति को लेकर सोमवार को आक्रामक और सकारात्मक दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सरकार के अतिथि गृह ‘महाराष्ट्र सदन’ में घुसकर कुछ लोगों ने भारी तोड़फोड़ की। वहीं फिरोजाबाद में हरियाणा की नवोदित गायिका हिमानी कपूर को मराठी समझ भीड़ ने उनके कार्यक्रम के लिए बने मंच को तहस-नहस कर डाला। लेकिन इस बीच एक बेहद सकारात्मक दृष्टिकोण के तहत कई जाने-माने मराठियों ने एक साझा बयान में घृणा की इस राजनीति पर तत्काल लगाम लगाए जाने की मांग की। उधर, असम के नौगांव जिले में उग्रवादियों ने तीन हिन्दीभाषियों को तड़के गांव के चौराहे पर ले जाकर गोली से भून डाला। ये लोग मामूली व्यवसायी थे। इनके नाम हैं- जोगेश्वर शाह (60), महेश (27) और पवन शर्मा (27)। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रवादी सेना के करीब 40-50 कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सदन में घुसकर राज ठाकर के खिलाफ जमकर नारबाजी की और वहां रखे गमले स्वागत कक्ष पर दे मारे। गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कक्ष का दरवाजा भी उखाड़ दिया। पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, पूर्व वायुसेनाध्यक्ष अनिल टिपणीस, जानेमाने पत्रकार दिलीप पडगांवकर व राजदीप सरदेसाई, एडवोकेट हरीश साल्वे, अर्थशास्त्री सुरश तेंडुलकर, भालचन्द्र मुंगेकर व विजय केलकर, राजनयिक सुधीर दिवार, एयर मार्शल (रिटायर्ड) सतीश ईनामदार, अनुराधा कुंटे और तसनीम मेहता जसे जानेमाने मराठियों ने एक साझा बयान में कहा है कि वोट की खातिर खेले जा रहे घृणा के इस खेल को खत्म किया जाए।

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