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विष्णुदेव के पार्थिव शरीर पर नीतीश ने किया माल्यार्पण

जदयू के महासचिव विष्णुदेव चौधरी का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पार्टी कार्यालय लाया गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं संसदीय कार्य व ऊर्जा मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने माल्यार्पण किया। स्व. चौधरी...

 विष्णुदेव के पार्थिव शरीर पर नीतीश ने किया माल्यार्पण
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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जदयू के महासचिव विष्णुदेव चौधरी का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पार्टी कार्यालय लाया गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं संसदीय कार्य व ऊर्जा मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने माल्यार्पण किया। स्व. चौधरी का निधन गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में हो गया था। पार्टी अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ललन की ओर से महासचिव रवीन्द्र सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित की।ड्ढr ड्ढr इसके अलावा मुख्य सचेतक श्रवण कुमार, शिवप्रसन्न यादव, ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू, चन्देश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, अनिल पाठक, संजय कुमार सिंह, रामधनी सिंह, वाल्मीकि सिंह, हीरा प्रसाद बिन्द, हारूण रशीद, विनोद कुमार चौधरी, विनय कुमार सिन्हा, विजय कुमार चौधरी, अजीजुल हक, अजय कुमार घोष, दशईं चौधरी, द्वारिका प्रसाद, लोक प्रकाश सिंह, डॉ. नवीन कुमार आर्य, सुनील कुमार सुशील, उषा सिन्हा, जीतेन्द्र यादव आदि ने भी माल्यार्पण किया। स्पीडी ट्रायल पर भी दिखा त्योहारों का असरड्ढr पटना(हि.ब्यू.)। बीते माह पर्व-त्योहार की छुट्टियों का असर अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रॉयल पर भी साफ दिखा। सरकारी और अदालती छुट्टियों का ही असर रहा कि स्पीडी ट्रॉयल का ग्राफ सितम्बर की अपेक्षा अक्तूबर में औंधे मुंह गिर पड़ा। सितम्बर में जहां 1511 लोगों को विभिन्न आपराधिक मामलों में सजा सुनाई गयी थी वहीं अक्तूबर में यह संख्या घटकर 370 पर आ गयी। अक्तूबर में स्पीडी ट्रॉयल के तहत सिर्फ 41 लोगों को उम्रकैद,15 को दस वर्ष से अधिक की सजा और 314 को दस वर्ष से कम की सजा सुनाई गयी। यह आंकड़ा वर्ष 2007 के अक्तूबर की तुलना में भी काफी कम है। बीते साल इसी अवधि में कुल 51लोगों को स्पीडी ट्रॉयल के तहत सजा सुनाई गयी थी। पुलिस मुख्यालय के अफसर भी मानते हैं कि इस बार अक्तूबर में सरकारी छुट्टियों के कारण स्पीडी ट्रॉयल के तहत सजा दिलाने का ग्राफ नीचे आया है। हालांकि उनका मानना है कि नवंबर में इसमें तेजी आएगी और आने वाले दिनों में इसमें इजाफा ही होगा। वर्ष 2008 में अक्तूबर तक 24 को सजा-ए-मौत, 205ो उम्रकैद, 552 को दस वर्ष से अधिक की सजा व 67ो दस से कम की सजा सुनायी गई।

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