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कलेक्टर की रिहाई के लिए मध्यस्थों की बैठक बेनतीजा

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार और माओवादियों की ओर से आए मध्यस्थों के बीच बैठक गुरुवार को बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। बैठक में राज्य सरकार की ओर...

कलेक्टर की रिहाई के लिए मध्यस्थों की बैठक बेनतीजा
एजेंसीThu, 26 Apr 2012 07:06 PM
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छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार और माओवादियों की ओर से आए मध्यस्थों के बीच बैठक गुरुवार को बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई।

बैठक में राज्य सरकार की ओर से निर्मला बुच और एसके मिश्रा एवं माओवादियों की तरफ से बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल शामिल हैं।
   
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुकमा के कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार की ओर से अधिकत मध्यस्थ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा तथा माओवादियों की ओर से अनुसूचित जनजाति आयोग के भूतपूर्व कमिश्नर ब्रहमदेव शर्मा और केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर हरगोपाल के मध्य बातचीत का दौर शुरू हो गया है।
   
अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर स्थित राज्य अतिथि गृह पहुना में हो रही बैठक में मध्यस्थ कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए सरकार का पक्ष और माओवादियों की मांगों पर विचार करेंगे। बैठक के दौरान कानूनी जानकारों के भी पहुना में उपस्थित होने की जानकारी है।

इससे पहले बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल चर्चा के लिए रायपुर पहुंचे। प्रोफेसर हरगोपाल ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अगवा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए प्रयास करना है। बीडी शर्मा पहले बस्तर क्षेत्र के कलेक्टर रह चुके हैं और वह यहां के आदिवासियों की मूल समस्या के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। दोनों मिलकर इस समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।

हरगोपाल ने कहा कि वह पहले भी माओवादियों द्वारा अपहत लोगों की रिहाई के लिए मध्यस्थता कर चुके हैं और सफल रहे हैं। उम्मीद है कि वह इस बार भी सफल रहेंगे। हालांकि छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की परिस्थितियों में अंतर है।
    
वहीं, बीडी शर्मा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कलेक्टर की रिहाई है तथा उनके अपहरण के लिए व्यवस्था दोषी है। इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि उन्हें पहले भी उम्मीद थी और अभी भी उम्मीद है कि कलेक्टर मेनन की सकुशल रिहाई हो जाएगी और वह अपने कार्य में जल्द लौट सकेंगे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर मेनन व्यवस्था में सुधार कर रहे थे तब उनका अपहरण हुआ है। वैसे अभी यह समय किसी को दोषी ठहराने का नहीं है।
    
राज्य के सुकमा जिले से मिल रही खबरों के मुताबिक कलेक्टर की पत्नी आशा मेनन का भी स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी मिली है। आशा मेनन के लिए बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर से हेलीकाप्टर से चिकित्सकों को सुकमा भेजा गया है। चिकित्सकों ने आशा मेनन की हालत खतरे से बाहर बताई है।
    
छत्तीगसढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन का शनिवार को माओवादियों ने मांझीपारा गांव से अपहरण कर लिया था। इसके बाद माओवादियों ने अपने आठ साथियों की रिहाई समेत पांच मांगे रख दी हैं। बाद में माओवादियों द्वारा बातचीत के लिए बीडी शर्मा, प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मनीष कुंजाम का नाम आगे बढ़ाया गया था।

हालांकि, भूषण और कुंजाम ने मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद माआवादियों ने प्राफेसर हरगोपाल का नाम सामने किया था। राज्य सरकार ने अपनी ओर निर्मला बुच और एसके मिश्रा को बातचीत के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया है।

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