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भूख से मौत रोकने को कई योजनाएं

राज्य में भूख से मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके तहत गरीबी रखा से नीचे रहनेवालों को सस्ते दर पर अनाज दे रही है। भूख से किसी की मौत नहीं हुई है। जनवितरण प्रणाली...

 भूख से मौत रोकने को कई योजनाएं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राज्य में भूख से मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके तहत गरीबी रखा से नीचे रहनेवालों को सस्ते दर पर अनाज दे रही है। भूख से किसी की मौत नहीं हुई है। जनवितरण प्रणाली की दुकानों को दुरुस्त किया जा रहा है। यह जानकारी राज्य के मुख्य सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से 10 नवंबर को हाइकोर्ट को दी। चीफ जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्र और जस्टिस डीके सिन्हा की कोर्ट ने प्रार्थी को तीन सप्ताह में इस शपथपत्र का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश के बाद और प्रार्थी के अभ्यावेदन के आलोक में उन्होंने इन योजनाओं की समीक्षा की। अदालत को बताया गया कि अनाज वितरण के लिए बीपीएल योजना, अंत्योदय अन्न योजना और अन्नपूर्णा योजनाएं चलायी जा रही हैं। बीपीएल योजना में एमटी अनाज का वितरण इस योजना के तहत पांच लाख 15 हाार 484 लोगों को चिह्नित किया गया है। इनके बीच एमटी अनाज का वितरण किया गया है। बीपीएल योजना में वर्ष 2001 के जनगणना के अनुसार 2लाख छह हाार 280 परिवार हैं। पर केंद्र सरकार ने 23 लाख हाार लोगों के लिए ही योजना को मंजूरी दी है। अंत्योदय योजना 2007 सितंबर से लागू है। इस के तहत 35 किलो अनाज दिया जाता है। अंत्योदय अन्न योजना के तहत सितंबर 2007 में 00 परिवार हैं। इन्हें तीन रुपये प्रतिकिलो चावल और दो रुपये प्रतिकिलो गेहूं दिया जाता है। 65 साल से ऊपरवालों के लिए अन्नपूर्णा योजना है। उन्हें दस किलो अनाज दिया जाता है। 1पीडीएस पर प्राथमिकी अदालत को बताया गया कि वर्ष 2007-08 में राज्य की 30 हाार 0 जनवितरण प्रणाली की दुकानों की जांच की गयी। इसमें तीन हाार 2से जवाब मांगा गया। 00 दुकानों का लाइसेंस निलंबित किया गया है। 1पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जबकि 184 का लाइसेंस रद्द किया गया है। सभी जिलों के डीसी और डीडीसी को बीपीएल स्कीम की समीक्षा करने का निर्देश भी दिया गया है।

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