जालंधर में कारखाना गिरा, 2 की मौत, 100 घायल
जालंधर के फोकल प्वाइंट इलाके में रविवार की देर रात एक कारखाने की तीन मंजिली इमारत गिर गई। इस हादसे में एक की मौत हो गई और 40 से अधिक मजदूर घायल हो गए हैं। इमारत के मलबे में बहुत से लोगों के दबे होने...
जालंधर के फोकल प्वाइंट इलाके में रविवार की देर रात एक कारखाने की तीन मंजिली इमारत गिर गई। इस हादसे में एक की मौत हो गई और 40 से अधिक मजदूर घायल हो गए हैं। इमारत के मलबे में बहुत से लोगों के दबे होने की आशंका है।
कंबल बनाने वाले कारखाने की यह इमारत कल देर रात साढ़े ग्यारह बजे के करीब गिर गयी। कारखाने के सुरक्षा गार्डों और मजदूरों के अनुसार, जिस समय यह इमारत गिरी, उस समय अमूमन रोजाना 250 लोग कारखाने में काम करते हैं।
जालंधर के जिलाधिकारी प्रियांक भारती ने सोमवार को बताया कि मलबे में से अबतक 40 से अधिक मजदूरों को निकाला जा चुका है। इन लोगों को इलाज के लिए एक मंदिर के ट्रस्ट के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां एक की हालत गंभीर है।
उन्होंने बताया कि मलबे में कितने लोग फंसे हैं, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पायी है। दमकल विभाग और जिला प्रशासन के राहत और बचाव दल मौके पर हैं। उन्होंने इन घायलों को कारखाने के मजदूरों की सहायता से मलबे से निकाला।
प्रियांक ने बताया कि हमने मलबा हटाने और इसमें दबे लोगों को निकालने के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दल को बुलाया है। हालांकि अभी तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंच पायी है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मौके पर बिजली की व्यवस्था नहीं होने और बारिश होने के कारण राहत एवं बचाव कार्य में कुछ परेशानी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जबतक मौके से मलबा नहीं हटाया जाता तबतक इसमें कितने लोग फंसे हैं इसके बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।
हादसे के कारण के बारे में पूछे जाने पर प्रियांक ने कहा कि इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और जांच के बाद ही हादसे के असली कारण के बारे में पता चल सकेगा। दूसरी ओर कारखाने के मालिक शीतल विज ने मलबे में फंसे मजदूरों की संख्या के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इमारत पूरी तरह गिरने से पहले कई लोग बचकर बाहर निकल आए थे। रविवार होने के कारण कारखाने में उपस्थिति कम थी। हालांकि इसमें कितने लोग फंसे हुए हैं, इसके बारे अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।