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चाँद पर आज होगी भारत की हाजिरी

चाँद की कक्षा में चंद्रयान के सफलतापूर्वक पहुँचने के बाद अब शुक्रवार को तिरंगा चाँद पर भारत की उपस्थिति दर्ज कराएगा। चाँद के 100 किमी ऊपर परिक्रमा कर रहे चंद्रयान-1 से एक वैज्ञानिक उपकरण मून इम्पैक्ट...

 चाँद पर आज होगी भारत की हाजिरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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चाँद की कक्षा में चंद्रयान के सफलतापूर्वक पहुँचने के बाद अब शुक्रवार को तिरंगा चाँद पर भारत की उपस्थिति दर्ज कराएगा। चाँद के 100 किमी ऊपर परिक्रमा कर रहे चंद्रयान-1 से एक वैज्ञानिक उपकरण मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी) को चंद्रसतह पर गिराया जाएगा। एमआईपी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के रंग से रंगा है।ड्ढr इसरो प्रवक्ता एस. सतीश के अनुसार रात करीब आठ बाकर तीन या चार मिनट पर इसरो के वैज्ञानिक टेलीमेंट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क से यह ऑपरशन पूरा करेंगे। एमआईपी साढ़े आठ बो तक चाँद की सतह पर होगा। पहले कहा गया था कि एमआईपी शुक्रवार रात 10 बो गिरायाोाएगा। चौकोर एमआईपी के चारों तरफ तिरंगा पेंट किया गया है। इस प्रकार चाँद से इसके टकराते ही भारत की उपस्थिति वहाँ दर्ज हो जाएगी।ड्ढr इसरो वैज्ञानिकों के अनुसार चाँद से छूटने के बाद एमआईपी चाँद तक पहुँचने का सफर 20 मिनट में पूरा करगा। इस दौरान यह सैकड़ों तस्वीरं और आँकड़े भेजेगा। एमआईपी को इसरो के ही विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने तैयार किया है।ड्ढr एमआईपी वैसे तो चाँद की कई तस्वीरं भेजेगा लेकिन इसका मुख्य कार्य चाँद की सतह पर आगामी अभियानों के लिए सुरक्षित लैंडिंग स्थान तलाश करना है। इसकी मदद से वैज्ञानिक यह भी जान पाएँगे कि चाँद पर लैंडिंग के लिए भविष्य में उन्हें कैसी तकनीक की जरूरत पड़ेगी।ड्ढr कुल 2किग्रा के एमआईपी में सी-बैंड रडार अल्टीमीटर, वीडियो इमेजिंग सिस्टम और स्पेक्ट्रोमीटर लगे हुए हैं। इनकी मदद से दिशा ज्ञान, सतह की वीडियोग्राफी तथा चाँद के वातावरण से संबंधित आँकड़े जुटाएगा। ये आँकड़े ब्यालालु स्थित इसरो के डीप स्पेस नेटवर्क को प्राप्त होंगे। लेकिन ये सभी कार्य इसे चंद्रयान से निकलने और चाँद की सतह पर टकराने के 20 मिनट के दौरान ही करने होंगे। क्योंकि चाँद की सतह पर गिरते ही यह टूट सकता है। हालाँकि इसरो के कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि गिरने के बाद भी यह नहीं टूटेगा तथा कार्य करता रहेगा।ड्ढr एमआईपी चंद्रयान में भेजे गए 11 वैज्ञानिक उपकरणों में से एक है। इससे पूर्व दो उपकरणों टेराइन मैपिंग कैमरा और रडियेशन डोज मॉनीटर को चालू किया जा चुका है। दोनों सही कार्य कर रहे हैं। एमआईपी के आपरशन के बाद बाकी आठ उपकरणों को भी चालू कर दिया जाएगा और अगले दो साल तक ये कार्य करते रहेंगे। चंद्रयान को 22 अक्टूबर को छोड़ा गया था। अभी तक के सफर में कोई भी गड़बड़ी सामने नहीं आई है।ड्ढr इनसेटड्ढr इसरो चेयरमैन जी. माधवन नायर के मुताबिकड्ढr चंद्रमिशन महँगी परियोजना नहीं है। इस पर इसरो के तीन साल के बजट का सिर्फ तीन फीसदी यानी 386 करोड़ ही खर्च हुआ है। इसमें भी यादा राशि बुनियादी वैज्ञानिक ढाँचा तैयार करने में खर्च हुई है।ड्ढr चंद्रमिशन से हासिल वैज्ञानिक क्षमता से भारत के लिए मंगल और शुक्र ग्रहों पर पहुँचने का रास्ता खुलेगा। मंगल अभियान के लिए स्टडी शुरू भी हो चुकी है।ड्ढr चंद्रयान-2 को 2012 में लॉन्च किया जाएगा। इसमें एक रोबोट को चंद्रमा पर उतारा जाएगा जो चंद्रसतह का विश्लेषण कर आँकड़े भेजेगा।ड्ढr चंद्रयान-1 अब तकीसदी मिशन पूरा कर चुका है। सिर्फ मिशन का पास फीसदी कार्य बाकी बचा है।ड्ढr सूर्य के विकिरण के अध्ययन के लिए एक उपग्रह ‘आदित्य’ का डिजाइन तैयार किया जा चुका है। प्रक्षेपण दो सालं के भीतर किया जाएगा।

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