सकते में सरकार, सीबीआई जांच के आदेश
सेनाध्यक्ष वीके सिंह के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद कि उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की गई थी, सरकार पशोपेश में पड़ गई है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत सीबीआई जांच के...
सेनाध्यक्ष वीके सिंह के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद कि उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की गई थी, सरकार पशोपेश में पड़ गई है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
सेनाध्यक्ष ने एक अखबार को इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उन्हें एक लॉबिस्ट ने घटिया गाड़ियों की खरीद के लिए 14 करोड़ रिश्वत देने की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह सेना का ही एक रिटायर अफसर है। सेनाध्यक्ष ने कहा कि इस घटना के बाद वह सीधे रक्षा मंत्री के पास गए और उन्हें इससे अवगत कराया।
इस खुलासे के बाद जब रक्षा मंत्री सोमवार को संसद पहुंचे तो उन्हें पत्रकारों ने घेर लिया, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि मामला बेहद गंभीर है और हमें इसे देखना होगा। इसके बाद वह सदन के अंदर चले गए। दोनों सदनों की कार्रवाई शुरू होने के तुरंत बाद विपक्ष ने भारी हंगामा किया, जिसके चलते दोनों सदनों की कार्रवाई रोकनी पड़ी।
हंगामे के तुरंत बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में लग गई और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के तुरंत बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस घटना की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
विपक्ष ने सरकार पर हमला तेज करते हुए कहा है कि यह घूसखोरों की सरकार है। सदन के बाहर भाजपा नेता वैंकैया नायडू ने कहा कि यह बहुत ही सनसनीखेज मामला है और सरकार को गंभीरता से इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने रक्षा मंत्री एके एंटनी पर भी हमला किया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी दी गई थी तो उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि सेनाध्यक्ष एक जिम्मेवार पद पर हैं और इसलिए अगर उनको किसी ने रिश्वत देने की कोशिश की थी तो उन्हें पुलिस में जाना चाहिए था।