सभी अर्थतंत्रों की हो निगरानी : चिदम्बरम
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वाशिंगटन में 15 नवंबर को वित्तीय बाजार और विश्व अर्थव्यवस्था पर शिखर बैठक में भारत नए वैश्विक नियामक मानक, किफायती उपयों, बेहतर निगरानी तंत्र और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा...
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वाशिंगटन में 15 नवंबर को वित्तीय बाजार और विश्व अर्थव्यवस्था पर शिखर बैठक में भारत नए वैश्विक नियामक मानक, किफायती उपयों, बेहतर निगरानी तंत्र और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधार के मुद्दों को उठाएगा। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि इनमें व्यापक असर डालने की दृष्टि से सबसे अहम मुद्दा सभी देशों या कम से कम जी-20 के देशों के लिए साझा नियामक और लेखाजोखा मानक कायम करना होगा। लेकिन उन्होंने एक साझी वैश्विक नियामक व्यवस्था के विचार को यह कहते हुए दरकिनार कर दिया, ‘मैं नहीं सोचता हूं कि दुनिया के लिए कोई एक नियामक गठित किया जा सकता है। यह कम से कम आज की परिस्थितियों में तो कतई संभव नहीं है। नियामक व्यवस्था का स्वरूप राष्ट्रीय ही होना चाहिए।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘रही बात वैश्विक मानकों की तो यह आईएमएफ में सुधारों के साथ मेल खाते हैं।’ उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आईएमएफ मौजूदा संकट की पूर्व चेतावनी देने में असमर्थ रहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नई बहुपक्षीए एजेंसियां या वित्तीय संस्थान खड़े किए जाएं। पर साथ ही अब समय आ गया है जब आईएमएफ को अपने ही भीतर कामकाज के तौर तरीकों में सुधार के उपायों पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक निगरानी तंत्र कायम किया जाना इसलिए जरूरी है ताकि कुछ वित्तीय संस्थानों द्वारा उठाए जा रहे भारी जोखिम की पहचान की जा सके। जाहिर तौर पर ऐसा न हो पाने से ही मौजूदा संकट खड़ा हुआ।