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बिना सर्जरी दूर हो सकती है अंडाशय की गांठ

अंडाशय की गांठ (ओवेरियन सिस्ट)बिना सर्जरी दूर की जा सकती है। वह भी सिर्फ दवाओं के सेवन से। होम्योपैथ के शोध ने इस रोग के इलाज का नया दरवाजा खोल दिया है। लखनऊ में होम्योपैथ के डॉक्टरों द्वारा किए गए...

 बिना सर्जरी दूर हो सकती है अंडाशय की गांठ
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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अंडाशय की गांठ (ओवेरियन सिस्ट)बिना सर्जरी दूर की जा सकती है। वह भी सिर्फ दवाओं के सेवन से। होम्योपैथ के शोध ने इस रोग के इलाज का नया दरवाजा खोल दिया है। लखनऊ में होम्योपैथ के डॉक्टरों द्वारा किए गए अनुसंधान में दवा देने के बाद 84.64 प्रतिशत मरीजों में इसके नतीजे उत्साहजनक मिले हैं। शोध से यह साबित हो गया है कि अंडाशय की गांठ की उत्पत्ति का संबंध किसी भी व्यक्ित के मन से सीधे जुड़ा है। होम्योपैथ की चुनी गयी दवाओं से इसका इलाज संभव है। लखनऊ के गौरांग क्लीनिक एण्ड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के मुख्य शोधकर्ता एवं होम्यो रत्न से सम्मानित डा. गिरीश गुप्ता इस विषय पर विस्तृत व्याख्यान पटना में रविवार को आयोजित ‘क्लीनिकल रिसर्च एण्ड क्वालिटी एश्योरंस इन होम्योपैथी सेमिनार’ में देंगे।ड्ढr ड्ढr उन्होंने दूरभाष पर हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि सम्पूर्ण लक्षणों के आधार पर चयनित दवाओं से बिना सर्जरी के अंडाशय की गांठ को हटाया जा सकता है। अंडाशय में गांठ होने के कई कारण होते हैं जिसमें हार्मोन के असंतुलन, हार्मोनल दवाओं का अनुचित प्रयोग, अप्राकृतिक परिवार नियोजन, नसबंदी, यौन भावनाओं को दमित करना और थायरॉयड ग्रंथी में असंतुलन प्रमुख हैं। इसके साथ ही मरीज के ऊपर चिंता, तनाव, मानसिक आघात, भावनात्मक परशानी, अवसाद और भय जैसे कारण भी मरीज के मन और स्नायुतंत्र को प्रभावित करते हैं। स्नायुतंत्र के रसायन हाइपोथैलमस के माध्यम से पीयूष ग्रंथि को प्रभावित करती है। इससे शरीर के अन्दर हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है जो अंडाशय में गांठ बनाता है। डा.गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वित्तीय सहयोग से लखनऊ के गौरंग क्लीनिक में किए गए अनुसंधान से कुल 241 मरीजों को शामिल किया गया। उनमें से 84.64 प्रतिशत मरीजों में दवा का बेहतर परिणाम मिला है जबकि 66 प्रतिशत मरीज पूर्णत: रोगमुक्त हो गए। उन मरीजों में 17 फीसदी मरीजों में सुधार हो रहा है जबकि 6.64 प्रतिशत मरीजों में अंडाशय के गांठ की स्थिति यथावत बनी हुई है।ड्ढr इस शोध में कुल 8.72 फीसदी मरीजों में होम्योपैथ दवाओं से कोई सुधार नहीं मिला। शोध में शामिलीसदी महिलाओं में एक गांठ जबकि 6.22 में एक से अधिक गांठ थी। इसमें 84.23 फीसदी महिलाएं शादी-शुदा थीं जबकि 15.77 फीसदी अविवाहित थीं।

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