म्युचुअल फंडों पर भी मंदी की मार
विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और शेयर बाजारों में लगातार उठापटक के चलते पिछले माह देश में म्युचुअल फंडों में एक वर्ष की तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि...
विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और शेयर बाजारों में लगातार उठापटक के चलते पिछले माह देश में म्युचुअल फंडों में एक वर्ष की तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि म्युचुअल फंडों में लगातार दूसरे महीने यह गिरावट आई है। देश के बड़े 35 म्युचुअल फंड निकायों के औसत परिसंपत्ति प्रबंधन एयूएम में हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और यह अक्तूबर के अंत तक गिरकर 43101.42 करोड़ रुपये रह गया। देश में म्युचुअल फंड बाजार में अभी भी रिलायंस म्युचुअल फंड शीर्ष स्थान पर है और इसके बाद एचडीएफसी तथा आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल का स्थान है। गौरतलब है कि फंड प्रबंधन निकायों के एयूएम में गिरावट के मद्देनजर पिछले माह भारतीय रिजर्व बैंक ने म्युचुअल फंडों की तरलता जरूरतों को पूरा करने और वित्तीय स्थिति सुधारने के मद्देनजर अल्पकालिक ऋण दर के तहत 20,000 करोड़ रुपये बाजार में उतारने का निर्णय लिया था। इस वित्त वर्ष में म्युचुअल फंड योजनाआें में लगातार बदहाली की स्थिति रही है और सितंबर माह में म्युचुअल फंडों के जरिए लोगों ने 45,655 करोड़ रुपये की निकासी की है। निवेशकों को निश्चित लाभ देने वाली फिक्स इनकम योजनाआें से भी लोगों ने अक्तूबर में 52820 करोड़ रुपये की निकासी की। शेयर बाजारों के इक्िवटी फंड से भी 706 करोड़ रुपये निकाले गए। सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले गिल्ट फंड्स और गोल्ड एक्सचेंज फंड में लोगों ने 3,725 करोड़ और 140 करोड़ रुपये लगाए। गौरतलब है कि गिल्ट फंड ऐसी म्युचुअल फंड योजनाएं हैं जिन्हें पूंजी प्रबंधन कंपनियां सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के बाद उतारती है।