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Hindi Newsआयकर छूट सीमा बढ़ने से आम लोगों को राहत

आयकर सीमा बढ़कर हुई 2 लाख रुपये

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को आम बजट संसद में पेश किया। मुखर्जी का व्यक्तिगत तौर पर यह सातवां आम बजट है और वे सबसे अधिक बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्रियों में दूसरे नंबर पर हैं। बजट...

आयकर सीमा बढ़कर हुई 2 लाख रुपये
एजेंसीSat, 17 Mar 2012 10:42 AM
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वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को आम बजट संसद में पेश किया। मुखर्जी का व्यक्तिगत तौर पर यह सातवां आम बजट है और वे सबसे अधिक बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्रियों में दूसरे नंबर पर हैं।

बजट में मुखर्जी ने व्यक्तिगत आयकर रियायत सीमा 1 लाख 80 हजार रुपये से बढाकर दो लाख रुपये करने की घोषणा की है। आयकर दर पर जो प्रस्ताव रखा गया है वह निम्न प्रकार लागू होगा:
दो लाख रुपये तक : शून्य
दो से पांच लाख रुपये तक : 10 प्रतिशत
पांच लाख से ज्यादा और दस लाख रुपये तक : 20 प्रतिशत
दस लाख रुपये से अधिक : 30 प्रतिशत

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत आर्थिक विकास में दूसरे देशों से काफी आगे है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ कठोर फैसले लेने की आवश्यकता है। मुखर्जी ने कहा कि तेल की कीमतों और जापान में भूकंप का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। दुनिया की आर्थिक स्थिति का असर भारत पर भी हुआ है।

वित्त मंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के उद्देशय हासिल करने के लिए दिसंबर तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली आधार कार्ड के जरिए कर दी जाएगी। मुखर्जी ने कहा कि संसद के बजट सत्र में ही काले धन पर सरकार श्वेत पत्र लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास योजना के लिए 2012-13 में आवंटन बढाकर 15850 करोड रुपये किया गया है।

प्रणब ने कहा कि यदि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है तो दुनिया की अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन निराशाजनक है लेकिन आगे सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।

मुखर्जी ने कहा कि उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में मंहगाई की दर में गिरावट आएगी और फिर उसमें स्थिरता आएगी।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने इसके पांच उद्देशय भी बताए। ये उद्देशय हैं:
1. घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार
2. निवेश में सुधार
3. विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाधाओं को दूर करना
4. 200 जिलों में कुपोषण की समस्या को दूर करना
5. सुशासन और काले धन के खिलाफ कदम

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश करते हुए कहा कि देश के सकल निर्यात में एशिया-आसियान देशों का हिस्सा 2000-01 के 33.3 प्रतिशत से बढकर 53.7 प्रतिशत हुआ है। मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर राज्यों के साथ सहमति बनाने का प्रयास जारी है। भारत ने सफलतापूर्वक आयात निर्यात के विविधीकरण में सफलता हासिल की और अमेरिका सहित दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कारोबार में बढोतरी हुई है।

मुखर्जी ने का कि चालू खाते का घाटा सकल विकास दर (जीडीपी) का 3.6 प्रतिशत रहेगा। 2012-13 में जीडीपी दर 7.6 प्रतिशत रहेगी। अगले तीन साल में केन्द्रीय सब्सिडी घटाकर जीडीपी के 1.7 प्रतिशत तक लाने की कोशिश होगी।

प्रणब ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बदलाव हो रहा है और लगता है कि विनिर्माण क्षेत्र पुनर्जीवित हो रहा है। बजट भाषण पढ़ते वक्त मुखर्जी के एक ओर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तो दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बैठी थीं। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी भी पहली कतार में गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ बैठे नजर आये।

उन्होंने कहा कि सुधारों की गति तेज करनी होगी। काले धन और भ्रष्टाचार की समस्याओं से निपटने के लिए आपूर्ति प्रणाली सुधारने के उद्देशय से तेज गति से फैसले लेने होंगे। 2012-13 में जीडीपी दर 7.6 प्रतिशत रहने कर अनुमान है। इसमें 0.25 प्रतिशत की घटत बढ़त हो सकती है।

प्रणब ने कहा कि अगले छह महीने के दौरान 50 जिलों में रसोई गैस, कैरोसिन की सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में डालने की शुरुआत होगी। विनिवेश के 40 हजार करोड रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 2011-12 में केवल 14 हजार करोड रुपये ही जुटाये जा सके हैं।

मुखर्जी ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) विधेयक जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।

प्रणब ने कहा कि कंपनियों के लिए 10 करोड रुपये या इससे अधिक के आईपीओ इलेक्ट्रानिक जरिये से लाने होंगे। उन्होंने कहा कि अंशधारक इलेक्ट्रानिक जरिये से ही वोटिंग कर सकेंगे। बजट सत्र में राष्ट्रीय आवास बैंक विधेयक, सिडबी संशोधन विधेयक, नाबार्ड संशोधन विधेयक पेश किये जाएंगे।
   
मुखर्जी ने कहा कि छोटे निवेशकों को शेयर निवेश पर आयकर में रियायत देने की नई योजना का प्रस्ताव भी किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए वित्तीय होल्डिंग कंपनी बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है।

वित्त मंत्री ने सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 2012-13 के दौरान 30 हजार करोड रुपये जुटाएगी। 70 हजार गांवों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही ढाई करोड खाते चालू होंगे। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के नाम पर बचत योजना में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर आयकर में रियायत दी जाएगी।

प्रणब ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के तहत 8800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जाएगा। एयरलाइनें अपने रोजमर्रा के खर्च के लिए विदेश से कर्ज ले सकेंगी। 12वीं योजना के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढकर होगा 50 लाख करोड रूपये होगा। इसमें से आधी रकम निजी क्षेत्र से आएगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण बढाकर 60 हजार करोड रुपये करने के लिए सरकार कर मुक्त बांड दोगुने करेगी। इसके अलावा दो नये मेगा हथकरघा क्लस्टर आंध्र प्रदेश और झारखंड में स्थापित किये जाएंगे।

प्रणब ने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रान्ति के कारण खरीफ सत्र में 70 लाख टन से अधिक धान की उपज हुई है। कृषि और सहकारिता क्षेत्र के बजट में 18 प्रतिशत बढोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि विदेशी एयरलाइनों को भारत में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कार्य करने की अनुमति देने के बारे में सक्रियता से विचार हो रहा है।
   
मुखर्जी ने कहा कि अगले पांच साल में भारत यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। खेतीबाडी के लिए कर्ज 5.75 लाख करोड रुपये का लक्ष्य रख गया है, जो पिछली बार से एक लाख करोड रुपये अधिक है।

उन्होंने कहा कि किसानों को सात प्रतिशत ब्याज पर रियायती फसली ऋण योजना 2012-13 में भी जारी रहेगी। इसके अलावा राज्यों के साथ मिलकर खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को देने के लिए नाबार्ड को सरकार 10 हजार करोड रुपये मुहैया कराएगी।

वित मंत्री ने कहा कि दिसंबर 2012 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क कंप्यूटरीकृत हो जाएगा। मिड डे मील योजना के लिए 11937 करोड रुपये की घोषणा भी प्रणब मुखर्जी ने की है। सबला योजना के लिए 7050 करोड रुपये की घोषणा भी की गई है।

प्रणब ने कहा कि ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता योजना के लिए आवंटन बढाकर 14000 करोड रुपये किया गया है। 2011-12 में यह 11000 करोड रुपये था। साथ ही स्वयं सहायता महिला समूह के तीन लाख रुपये तक के बैंक कर्ज सात प्रतिशत ब्याज दर पर दिए जाएंगे। समय पर कर्ज लौटाने वालों को चार प्रतिशत पर कर्ज मिलेगा।
   
मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय पिछडा क्षेत्र अनुदान योजना का परिव्यय 22 प्रतिशत बढाकर 12040 करोड रुपये किया गया है। ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास के लिए 20 हजार करोड रुपये खर्च किये जाएंगे। इसमें से पांच हजार करोड रुपये भंडारण सुविधाओं के लिए होंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के लिए आवंटन 18115 करोड रुपये से बढाकर 20822 करोड रुपये किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2012-13 में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम को 1000 करोड रुपये दिये जाएंगे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 3915 करोड रुपये दिये जाएंगे। 2012-13 में रक्षा सेवाओं के लिए 193407 करोड रुपये का प्रावधान रखा गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2011-12 में शुद्ध कर प्राप्तियां 771071 करोड रुपये की हुई हैं। गैर योजनागत व्यय 2012-13 में 969900 करोड रुपये रहने का अनुमान है। प्रत्यक्ष कर वसूली चालू वित्त वर्ष में 32000 करोड रुपये कम रही है। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 प्रतिशत तक लाने के लिए प्रतिबद्धता की घोषणा भी मुखर्जी ने की। कंपनी कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।   

प्रणब ने कहा कि केन्द्र का कुल कर्ज जीडीपी का 45 प्रतिशत है। प्रतिभूति क्रय विक्रय कर की दर घटाई गई है। विदेश में रखी संपत्ति और दो लाख रुपये से अधिक के सोने चांदी की खरीद की जानकारी आयकर विभाग को देना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रत्यक्ष कर में रियायतों से 4500 करोड रुपये के राजस्व के नुकसान की जानकारी भी वित्त मंत्री ने दी।

मुखर्जी ने कहा कि कुछ गिनी चुनी सेवाओं को छोडकर सभी प्रकार की सेवाओं को सेवा कर के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया गया है। सेवा कर की दर दस से बढाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव भी बजट में दिया गया है। उत्पाद एवं सेवा कर के लिए साझा कर संहिता बनाने का विचार किया जा रहा है। सेवा कर प्रस्तावों से 18660 करोड रुपये अतिरिक्त राजस्व वसूली का अनुमान बजट में लगाय है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सीमा शुल्क की अधिकतम दरों में कोई तब्दीली नहीं की गई है। साइकिल पर सीमा शुल्क दस से बढाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। उर्वरक संयंत्रों के लिए उपकरणों के आयात को तीन साल के लिए सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है। बिजली उत्पादन में काम आने वाली प्राकृतिक गैस, एलएनजी, यूरेनियम को दो साल के लिए सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट रखी गई है।

प्रणब ने कहा कि आयोडीन के आयात पर शुल्क घटाया गया है। सडक और राजमार्ग निर्माण में काम आने वाले उपकरणों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है। विमानों के कलपुर्जों, टायर और परीक्षण उपकरणों के आयात पर सीमा शुल्क की पूरी छूट दी गई है।

उन्होंने कहा कि सोने और प्लेटिनम का आयात मंहगा किया गया है। हाथ से निर्मित माचिसों पर उत्पाद शुल्क दस से घटाकर छह प्रतिशत किया गया है। कीमती विदेशी कारों का आयात मंहगा हो गया है।

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