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अधूरी चर्चा को पूरा करने पर जोर देगा राजग

संसद के बजट सत्र से पहले राजग ने कहा कि वह लोकपाल विधेयक पर अधूरी चर्चा को पूरा कराना और इस पर मतदान कराना चाहता है जो शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पूरी नहीं हो सकी थी। राजग के नेताओं की आज शाम हुई...

अधूरी चर्चा को पूरा करने पर जोर देगा राजग
एजेंसीMon, 12 Mar 2012 01:31 AM
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संसद के बजट सत्र से पहले राजग ने कहा कि वह लोकपाल विधेयक पर अधूरी चर्चा को पूरा कराना और इस पर मतदान कराना चाहता है जो शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पूरी नहीं हो सकी थी।

राजग के नेताओं की आज शाम हुई बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि बजट सत्र के दौरान संघीय ढांचे के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता एसएस आहलूवालिया ने कहा कि राजग कपास के निर्यात पर प्रतिबंध के मुद्दे को भी उठाएगा। अगर 12 मार्च को प्रतिबंध नहीं उठाया गया, तब हम कार्यवाही को बाधित करेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंध के कारण आर्थिक नुकसान के कारण किसान आत्महत्या करते हैं, तब सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। लोकपाल के मुद्दे पर आहलूवालिया ने कहा कि संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के दौरान 29 दिसंबर को राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर चर्चा चल रही थी जब सदन को अचानक स्थगित कर दिया गया और संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इसमें काफी संख्या में संशोधन हैं और इतने कम समय में संशोधित विधेयक को पेश करना कठिन है।

उन्होंने कहा कि इसलिए इस विषय को उसी स्थिति से आगे बढ़ाया जाए और लोकपाल विधेयक पर काम किया जाए। आहलूवालिया ने कहा कि सरकार के विधेयक और संशोधनों को देखें। इस विषय पर मतदान कराया जाए और लोकपाल विधेयक के भविष्य पर निर्णय किया जाए।

यह पूछे जाने पर कि क्या राजग 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित भूमिका के लिए गह मंत्री पी चिदंबरम का बहिष्कार जारी करेगी तो आहलूवालिया ने कहा कि बहिष्कार केवल पिछले सत्र तक ही सीमित था। उन्होंने कहा कि हम अब चिदंबरम का और बहिष्कार नहीं करेंगे क्योंकि हम एनसीटीसर और एनआईए के कामकाज पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि राजग नेता संघीय ढांचे पर प्रहार पर चर्चा कराने पर जोर देंगे।

आहलूवालिया ने कहा कि प्रत्येक विधेयक और आदेश जो सामने आ रहे हैं उसमें उनका (केंद्र) का अधिकार बढ़ रहा है और राज्यों की शक्तियों में कटौती की जा रही है। हम इस पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के विषय को भाजपा और आंध्रप्रदेश में नए राज्य के गठन का समर्थन करने वाले उसके सहयोगी प्रभावी ढंग इस विषय को उठाएंगे।

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