फोटो गैलरी

Hindi Newsकोहली के कमाल से भारत की विराट जीत

कोहली के कमाल से भारत की विराट जीत

युवा बल्लेबाज विराट कोहली की करिश्माई बल्लेबाजी से भारत ने मंगलवार को न सिर्फ सात विकेट की धमाकेदार जीत दर्ज की बल्कि 36.4 ओवर में श्रीलंका का पहाड़ जैसा स्कोर लांघकर त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल्स...

कोहली के कमाल से भारत की विराट जीत
एजेंसीTue, 28 Feb 2012 11:15 PM
ऐप पर पढ़ें

युवा बल्लेबाज विराट कोहली की करिश्माई बल्लेबाजी से भारत ने मंगलवार को न सिर्फ सात विकेट की धमाकेदार जीत दर्ज की बल्कि 36.4 ओवर में श्रीलंका का पहाड़ जैसा स्कोर लांघकर त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल्स में पहुंचने की अपनी उम्मीद बरकरार रखी।

भारत को बोनस अंक हासिल करके श्रीलंका के 15 अंक की बराबरी करने के लिए 40 ओवर तक लक्ष्य हासिल करना था और भारतीयों ने असंभव को संभव करके दिखाया। भारत को अब फाइनल में पहुंचने के लिए आस्ट्रेलिया पर निर्भर रहना होगा। यदि माइकल क्लार्क की टीम दो मार्च को होने वाले अंतिम लीग मैच में श्रीलंका को हरा देती है तो भारतीय टीम फाइनल्स में पहुंच जाएगी।

भारतीय जीत के नायक 23 वर्षीय कोहली रहे जिन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए केवल 86 गेंद पर 16 चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 133 रन बनाए। उनके इस चमत्कारिक खेल से भारत ने 80 गेंद शेष रहते ही तीन विकेट पर 321 रन बना दिए।
 
इससे पहले श्रीलंकाई पारी पूरी तरह से तिलकरत्ने दिलशान (नाबाद 160) और कुमार संगकारा (105) के इर्द गिर्द घूमती रही जिन्होंने दूसरे विकेट के लिए 200 रन जोड़े जिससे उनकी टीम चार विकेट पर 320 रन बनाने में सफल रही।

भारत को सचिन तेंदुलकर (39) और वीरेंद्र सहवाग (30) ने अच्छी शुरुआत दिलाई जबकि बाद में कोहली ने गौतम गंभीर (63) के साथ तीसरे विकेट के लिए 115 रन और सुरेश रैना (नाबाद 40) के साथ चौथे विकेट के लिए केवल 55 गेंद पर 120 रन की अटूट साझेदारी की।

भारत केवल दूसरी टीम है जिसने 300 रन से अधिक का लक्ष्य 40 से कम ओवर में पार किया। इससे पहले श्रीलंका ने इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में लीड्स में 37.3 ओवर में दो विकेट पर 324 रन बनाकर यह कारनामा किया।

भारतीय पारी की खासियत यह रही कि उसके सभी बल्लेबाजों ने श्रीलंका के मुख्य गेंदबाज लेसिथ मालिंगा को निशाने पर रखा जिन्होंने अपने करियर का सबसे बुरा प्रदर्शन करते हुए 7.4 ओवर में 96 रन लुटाए।
 
भारतीय जानते थे कि सिर्फ जीत से काम नहीं बनेगा और यदि उन्हें अपनी उम्मीदें बरकरार रखनी हैं तो ट्वंटी20 के अंदाज में बल्लेबाजी करनी होगी। सहवाग और सचिन ने शुरू में यही काम किया और केवल 33 गेंद पर टीम का स्कोर 50 रन पर पहुंचा दिया।

मालिंगा को शुरू से उन्होंने निशाने पर रख दिया था। पारी के पांचवें ओवर में तेंदुलकर ने उन पर चौका लगाया तो सहवाग ने चौके के तुरंत बाद गेंद मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी। सहवाग हालांकि ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये और महरूफ की शॉर्ट पिच गेंद को मिड आन के उपर से मारने के प्रयास में वह दिलशान को कैच दे बैठे। सहवाग ने 16 गेंद खेली तथा पांच चौके और एक छक्का लगाया।

गंभीर ने कुलशेखरा पर दो चौके जमाकर जतलाया वह क्रीज पर पांव जमाने में समय नहीं गंवाएंगे। गेंद अच्छी तरह से बल्ले पर आ रही थी और ऐसे में तेंदुलकर के पास महाशतक का लंबा इंतजार समाप्त करने का अच्छा मौका था लेकिन मास्टर ब्लास्टर ने मालिंगा की गेंद पर चौका जड़ने के बाद अगली यार्कर को ऑफ स्टंप पर आकर फ्लिक करने की कोशिश की और एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। उन्होंने 30 गेंद खेली और पांच चौके लगाए।

गंभीर ने मालिंगा के इसी ओवर में दो बार गेंद सीमा रेखा के पार भेजी। बीच में दो ऐसे भी मौके आए जबकि कुछ ओवरों तक गेंद सीमा रेखा पार नहीं गई लेकिन इस बीच गंभीर और कोहली ने बड़ी कुशलता से एक दो रन लेकर रन रेट नहीं गिरने दिया। भारत ने केवल 11.1 ओवर में 100 रन पूरे किए और 20 ओवर समाप्त होने के बाद उसका स्कोर 160 रन था।

कोहली ने कई आकर्षक शॉट लगाए जिनमें एंजेलो मैथ्यूज पर लांग ऑफ पर लगाया गया छक्का भी शामिल है। श्रीलंका ने 27वें ओवर के बाद गेंदबाजी पावरप्ले लिया। इन पांच ओवर में भारत ने गंभीर का विकेट गंवाकर 58 रन जुटाए। गंभीर पावरप्ले के पहले ओवर में ही तेजी से दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए। उनकी 64 गेंद की पारी में चार चौके शामिल हैं।

कोहली ने इसके बाद रन बनाने का मुख्य जिम्मा उठाया। मालिंगा के ओवर में 15 रन बने तो कुलशेखरा के अगले ओवर में 18 रन पिट गए। इनमें कोहली के लगातार तीन चौके भी शामिल हैं।

भारत ने 33वें ओवर से बल्लेबाजी पावरप्ले लिया। रैना ने तिसारा परेरा पर छक्का लगाया तो अगले ओवर में कोहली ने मालिंगा की गेंद पर दो रन लेकर अपना नौवां शतक पूरा किया। इसके बाद मालिंगा को उन्होंने अपने बल्ले के इशारों पर नचाया। उनकी दूसरी गेंद मिडविकेट पर छह रन के लिए भेजी और अगली चार गेंद पर चौके जड़े। मालिंगा के इस ओवर में 24 रन बने। भारतीयों ने इस खौफनाक गेंदबाज का कचूमर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कोहली ने उनके अगले ओवर में लगातार दो चौके जड़कर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।

इससे पहले भारतीयों की गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण निष्प्राण रही और श्रीलंका ने इसका पूरा फायदा उठाकर मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया। दिलशान ने अपने करियर के सर्वाधिक स्कोर की बराबरी की लेकिन दूसरी बार उनकी बड़ी पारी टीम को जीत नहीं दिला पाई। इससे पहले उन्होंने भारत के खिलाफ 2009 में राजकोट में 160 रन बनाए थे लेकिन तब भी उनकी टीम हार गई थी।

दिलशान ने 165 गेंद खेली तथा 11 चौके और तीन छक्के लगाए। संगकारा ने दूसरी तरफ विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने केवल 87 गेंद खेली तथा आठ चौके और दो गगनदायी छक्के लगाए।
 
कप्तान महेला जयवर्धने और दिलशान ने पहले विकेट के लिए 49 रन जोड़कर श्रीलंका को अच्छी शुरुआत दिलाई। जयवर्धने के आउट होने से यह साझेदारी टूटी जिन्होंने रविंदर जडेजा की गेंद पर सहवाग को कैच दिया। दिलशान और संगकारा ने क्रीज पर अच्छी तरह से पांव जमाने के बाद तेजी दिखाई। श्रीलंका ने 32वें ओवर के बाद बल्लेबाजी पावरप्ले लिया और तब उसका स्कोर दो विकेट पर 150 रन था। उसने बल्लेबाजी पावरप्ले के पांच ओवर में 41 रन बनाए।
 
दिलशान ने पहले शतक पूरा किया। वह 41वें ओवर में जडेजा की गेंद मिड आन पर एक रन के लिए खेलकर तिहरे अंक में पहुंचे। इसके दो ओवर बाद संगकारा ने जहीर की गेंद प्वाइंट और थर्डमैन के बीच से दो रन के लिए भेजकर शतक पूरा किया, लेकिन संगकारा शतक पूरा करने के तुरंत बाद 44वें ओवर में प्रवीण कुमार की गेंद पर करारा शॉट लगाने के प्रयास में चूक गए और बोल्ड होकर पवेलियन लौटे। भारत ने इसके बाद तिसारा परेरा (3) और मैथ्यूज (14) को भी आउट किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें