सीएमपीडीआइ की ऊंची उड़ान
ोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि मिथेन गैस से देश की ऊरा सुरक्षा में सहयोग मिलेगा। इससे पर्यावरण और कोयला खनन सुरक्षित होगा। सीबीएम-सीएमएम क्लीयरिंग हाउस भारत-अमेरिका सरकार का संयुक्त प्रयास है। कोल...
ोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कहा कि मिथेन गैस से देश की ऊरा सुरक्षा में सहयोग मिलेगा। इससे पर्यावरण और कोयला खनन सुरक्षित होगा। सीबीएम-सीएमएम क्लीयरिंग हाउस भारत-अमेरिका सरकार का संयुक्त प्रयास है। कोल माइंस में छह फीसदी मिथेन मिलने की संभावना है। वह 17 नवंबर को आइआइसीएम में सीबीएम-सीएमएम क्लीयरिंग हाउस के उद्घाटन पर बोल रहे थे। उन्होंने इसकी वेबसाइट की लॉचिंग भी की।ड्ढr सचिव ने कहा कि क्लीयरिंग हाउस की स्थापना से भारत में सीबीएम-सीएमएम के विकास को बल मिलेगा। यह देश का पहला क्लीयरिंग हाउस होगा। मिथेन के उत्सर्जन को रोकने एवं इसके व्यावसायिक उपयोग के लिए संयुक्त राज्य संरक्षण एजेंसी का एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास, मिथेन टू मार्केट पार्टनरशिप के संस्थापक देशों में भारत शामिल है। चेयरमैन पीएस भट्टाचार्य ने कहा कि कोल इंडिया कोयले को पर्यावारण के अनुकूल ढंग से प्रयोग एवं क्लीन कोल टेक्नोलॉजी की खोज के प्रति वचनबद्ध है। मिथेन ऊरा सुरक्षा का बड़ा साधन हो सकता है। भारत में कोयले का अकूत भंडार है। ओएनजीसी के साथ मिलकर दो प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। प्रायोगिक तौर पर मुनीडीह का प्रोजेक्ट सफल रहा है। क्लीयरिंग हाउस के खुलने से तकनीकी सहायता मिलेगी। डीाीएच के डीडीाी एके श्रीवास्तव ने कहा कि यूएस सीबीएम प्रोजेक्ट का लीडर है। कई बड़े उद्योग इसमें काम कर रहे हैं। भारत में भी कई विदेशी कंपनियों ने इस क्षेत्र में काम करने की इच्छा जतायी है। तेल और कोयला कंपनियां साथ मिलकर यहां काम करना चाहती हैं। यूएसटीडीए के प्रतिनिधि बी कल्याण रमन ने कहा कि मिथेन पर 1में चर्चा शुरू हुई थी। एक दशक बाद एमओयू हुआ। स्वागत सीएमपीडीआइ के सीएमडी अशोक कुमार सिंह, संचालन आरआर मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन आइआइसीएम के इडी प्रो सुदीप घोष ने किया।