दांत देखकर पहचान हुई शातिर रिंकू सिंह की
वर्ष 2007 में रिंकू सिंह पर इनाम तो घोषित हुआ पर किसी थाने या एसटीएफ को उसकी तस्वीर हाथ नहीं लगी। गुरुवार को जब उसके एक बारात में शामिल होने की मुखबिर ने सूचना दी तो एसटीएफ के अधिकारियों के माथे पर...
वर्ष 2007 में रिंकू सिंह पर इनाम तो घोषित हुआ पर किसी थाने या एसटीएफ को उसकी तस्वीर हाथ नहीं लगी। गुरुवार को जब उसके एक बारात में शामिल होने की मुखबिर ने सूचना दी तो एसटीएफ के अधिकारियों के माथे पर भी बल पड़ गए। कई वर्षो से इस अपराधी की टोह में लगी पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या यह भी थी कि इस अपराधी की शिनाख्त के लिए पुलिस के पास उसकी कोई तस्वीर मौजूद नहीं थी। काफी देर तक इसके लिए अधिकारियों ने माथा-पच्ची की। एसआईाी की टीम उसके हुलिया और मुखबिर की यह सूचना पर कि रिंकू के आगे के कुछ दांत गुटखा खाते रहने के कारण पीले पड़ गए हैं तथा दो दांत सड़ भी गए हैं, को ही उसकी पहचान मानकर सारण के लिए रवाना हो गई। जिस गांव में रिंकू को शादी में आना था, एसआईाी की टीम बारात आने से पूर्व ही वहां पहुंच गई और ग्रामीण वेश धारण कर उसके आने का इंतजार करने लगी।ड्ढr ड्ढr शादी समारोह में रिंकू की पहचान मुश्किल हो रही थी, क्योंकि मुखबिर द्वारा बतायी गई कद-काठी और गुटखे की आदत वाले कई युवक समारोह में मौजूद थे। इसके बाद टीम ने सुबह का इंतजार करना ही उचित समझा। सुबह होते ही टीम के सदस्य बारात लौटने वाले रास्ते में मानपुर के पास सादी वर्दी में फैल गए। टीम के सदस्यों को यह विश्वास था कि इस हुलिया वाले जिस युवक के आगे-पीछे शागिर्द लगे होंगे वही रिंकू सिंह हो सकता है। टीम का यही विश्वास काम आया। सुबह में उन्हें दो मोटरसाइकिल पर सवार चार युवक उस रास्ते पर आते नजर आए। इनमें एक युवक की कद-काठी मुखबिर के बताए हुलिए के अनुरूप थी।ड्ढr ड्ढr एसटीएफ ने उन चारों को घेर लिया। बारी-बारी से सभी का मुंह खुलवाकर उनके दांतों को देखा गया तो एक युवक संदिग्ध लगा। पहले तो उसने पुलिस को बरगलाने की कोशिश की पर थोड़ी ही सख्ती के बाद वह अपने को रिंकू सिंह बता दिया। मुख्यालय में उसकी गिरफ्तारी की खबर देते हुए उसे पटना लाया गया जहां वरीय अधिकारियों ने उससे पूछताछ की। अधिकारियों को आशंका है कि उसने ऐसे बहुत सार कांडों को अंजाम दिया है जिसमें परोक्ष रूप से उसका नाम नहीं आया। देर शाम उसे समस्तीपुर से आयी पुलिस को सौंप दिया गया।ं