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मई में मैदान पर उतर सकते है युवराज: डाक्टर

अमेरिका में कीमोथेरेपी करा रहे क्रिकेटर युवराज सिंह को फेफड़ों का कैंसर नहीं है बल्कि उसके फेफड़ों के बीच में दुर्लभ किस्म का ट्यूमर है जो असाध्य नहीं है और उनके इलाज में शामिल मैक्स अस्पताल के...

मई में मैदान पर उतर सकते है युवराज: डाक्टर
एजेंसीMon, 06 Feb 2012 05:46 PM
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अमेरिका में कीमोथेरेपी करा रहे क्रिकेटर युवराज सिंह को फेफड़ों का कैंसर नहीं है बल्कि उसके फेफड़ों के बीच में दुर्लभ किस्म का ट्यूमर है जो असाध्य नहीं है और उनके इलाज में शामिल मैक्स अस्पताल के डाक्टरों का मानना है कि वह मई के पहले सप्ताह तक मैदान पर उतर सकता है।

युवराज को कैंसर होने का खुलासा होने के बाद से मीडिया में लग रही तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए मैक्स साकेत के डाक्टर नीतेश रोहतगी ने कहा कि युवराज को कैंसर है लेकिन यह फेफड़ों का कैंसर नहीं है

यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में रोहतगी ने कहा कि युवराज को कैंसर है और फिलहाल वह अमेरिका में कीमोथेरेपी करा रहे हैं। उन्हें फेफड़ों का कैंसर नहीं है बल्कि यह दुर्लभ किस्म का टयूमर है जिसे एक्स्ट्रागोनाडेल सेमिनोमा कहा जाता है जो दो फेफड़ों के बीच में है। यह असाध्य नहीं है और युवराज के कैरियर पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

युवराज ने जनवरी के दूसरे सप्ताह में डाक्टर रोहतगी से सलाह ली थी और उसके बाद वह कीमोथेरेपी के लिए अमेरिका चले गए। नौ सप्ताह की कीमोथेरपी का फिलहाल तीसरा सप्ताह है।

यह पूछने पर कि युवराज कब मैदान पर लौट सकेंगे तो डाक्टर रोहतगी ने बताया कि कीमोथेरेपी इस तरह से कराई जा रही है कि युवराज पूरी तरह मैच फिट हो सकें। वह दस सप्ताह में ट्रेनिंग शुरू कर सकेगा। युवराज ने काफी हिम्मत दिखाई है और इसी के दम पर वह मई के पहले सप्ताह में मैदान पर लौट सकता है।


डाक्टर रोहतगी ने बताया कि बुधवार को उसकी कीमोथेरेपी का तीसरा सप्ताह शुरू होगा। उपचार के पहले सप्ताह में युवराज को अच्छा नहीं लगा। उसे उल्टियां हो रही थी लेकिन इस सप्ताह से हालात कुछ ठीक हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि युवराज ने जबर्दस्त जीवट का परिचय दिया है और इसी के चलते वह तेजी से ठीक होगा।

कीमोथेरेपी की शुरुआत में युवराज के साथ गए डाक्टर रोहतगी ने बताया कि वह किताबें पढ़ रहा है, लांग वाक पर जाता है, फिल्में देख रहा है और वीडियो गेम खेलने के साथ हल्की जागिंग भी करता है। वह खुद जल्दी ठीक होना चाहता है और यह सबसे अच्छी बात है। वह उतना फिट नहीं है जितना एक साल पहले था लेकिन मानसिक रूप से काफी मजबूत है।

यह पूछने पर कि क्या इस कैंसर का असर उनके कैरियर पर पड़ सकता है या इसके फिर उभरने की आशंका है, अस्पताल की मेडिकल ओंकोलाजी और हेमाटोलाजी विभाग की प्रमुख डाक्टर अनुपमा हुड्डा ने कहा कि इसकी संभावना कम है। उन्होंने कहा कि लांस आर्मस्ट्रांग (मशहूर साइकिलिस्ट) का उदाहरण हमारे सामने हैं जिन्होंने कैंसर से उबरकर वापसी की। जहां तक इसके फिर उभरने की बात है तो इसकी आशंका भी कम ही है। वैसे युवराज के भारत लौटने के बाद हम उसकी स्थिति पर पूरी नजर रखेंगे लेकिन अगले पांच दस साल तक तो इसके फिर उभरने की कोई आशंका नहीं है। युवराज के मार्च के आखिर में भारत लौटने की संभावना है।
 
डाक्टर ने इन अटकलों को खारिज किया कि जीवन शैली या आनुवांशिक कारणों से यह कैंसर हो सकता है। डाक्टर हुड्डा ने कहा कि इसके कारणों के बारे में निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता लेकिन अनियमित जीवन शैली या आनुवांशिक कारण इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि इस उपचार के विपरीत प्रभाव भी लंबे समय तक नहीं रहते लिहाजा युवराज फिर पहले की तरह जिंदगी जी सकते हैं।

मैक्स हैल्थकेयर मेडिकल ओंकोलाजी की टीम अमेरिका में डाक्टरों से लगातार संपर्क में है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में उपचार कराने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि खिलाड़ियों के उपचार का उन्हें व्यापक अनुभव है।
 
डाक्टरों ने इन रपटों को भी खारिज किया कि अस्पताल युवराज की बीमारी का पता लगाने में नाकाम रहा था। डाक्टर रोहतगी ने कहा कि मैक्स शुरुआती उपचार से नहीं जुड़ा था। युवराज जनवरी के पहले सप्ताह में हमारे पास आया और तब से उसके वर्तमान उपचार और बाद में फालोअप से भी मैक्स जुड़ा रहेगा।

उन्होंने कहा कि शुरुआती बायोस्पी में पता नहीं चला था जिसके बाद विशेष टेस्ट कराए गए जिससे सेमिनोमा का खुलासा हुआ जिसकी अमेरिका में डाक्टरों ने पुष्टि की।

युवराज के मैनेजर निशांत अरोड़ा ने मीडिया से क्रिकेटर और उसके परिवार की निजता का सम्मान करने का अनुरोध करते हुए कहा कि उसके स्वास्थ्य के बारे में अमेरिकी डाक्टर खुद ब्यौरा देंगे, जब वह जरूरी समझेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बीसीसीआई को पहले दिन से युवराज की बीमारी का इल्म था और वह उसके साथ था। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ही उपचार का पूरा खर्च वहन कर रहा है और उसके आला अधिकारी लगातार युवराज के परिवार के संपर्क में हैं।

 

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